लखनऊ: सीएम योगी ने आज मंगलवार को अपने सरकारी आवास पर पत्रकारों को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला. सीएम योगी ने कहा कि कांग्रेस कभी नहीं चाहती थी कि आंबेडकर संसद जाएं. कांग्रेस ने बाबा साहेब को न केवल चुनाव हरवाया बल्कि उनके सहयोगी को तोड़कर उनके ही खिलाफ चुनाव लड़ा दिया. वह चुनाव हार गए. उनके उक्त सहयोगी को ही 1970 में पदम् पुरस्कार भी दिया.
सीएम योगी ने आगे कहा कि कांग्रेस का इतिहास इसी से समझ सकते हैं कि मंत्री पद से इस्तीफा देने के वक्त मंत्री को सदन में बोलने का अवसर दिया जाता है, लेकिन कांग्रेस ने बाबा साहब को बोलने का अवसर नहीं दिया. अपने इस्तीफे में उन्होंने कहा कि कांग्रेस को दलितों-वंचितों की चिंता नहीं है. उसे मुसलमानों की चिंता है. देश में आपसी बंटवारे का कांग्रेस का कार्य किसी से छिपा नहीं है.
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि दलितों वंचितों के प्रति जो व्यवहार कांग्रेस का रहा है, वैसा ही समाजवादी पार्टी का भी रहा है. समाजवादी पार्टी ने आंबेडकर के नाम को हटाने का कार्य किया. यह चीजें दिखती हैं कि यह लोग कैसे समाज को बांटकर अपनी राजनीतिक रोटियां सेक रहे हैं. इन लोगों ने अपने कार्यकाल के दौरान आंबेडकर, दलितों, वंचितों के प्रति जो द्वेष की भावना थी, वह लगातार कर रही है. सीएम ने रहा कि हम लोग लखनऊ में बाबा साहेब आंबेडकर अंतरराष्ट्रीय केंद्र स्थापित कर रहे हैं.
योगी ने कहा कि गृहमंत्री अमित शाह के संसद में दिए गए भाषण का कुछ हिस्सा निकाल कर कांग्रेस समाज को गुमराह कर रही है. सीएम ने बिना आजम खान का नाम लिए कहा कि सपा सरकार में सुपर सीएम के रूप में कार्य करने वाले मंत्री का आंबेडकर पर बयान सबने सुना है. कौन नहीं जानता है?
इस दौरान संसद में हुई धक्कामुक्की का जिक्र करते हुए सीएम ने कहा कि राहुल गांधी द्वारा सांसदों को धक्का देना संवैधानिक आचरण नहीं है क्या? देश की जनता से राहुल गांधी को माफी मांगनी चाहिए. जनता इन्हें बार-बार आइना दिखा चुकी है. कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के कृत्य को जनता को समझने की जरूरत है.