लखनऊ; उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में स्थित केजीएमयू का आज शनिवार को 120वां स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया गया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप मे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शामिल हुए. केजीएमयू परिसर को रंगीन झालरों व अनेक प्रकार के फूलों की लड़ियों से सजाया गया था. इस समारोह के अवसर पर सीएम ने छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया.
सीएम ने कहा कि केजीएमयू से पढ़कर निकले छात्रों ने हमेशा गौरव गौरव बढ़ाया है. काल का प्रवाह किसी का भी इंतजार नहीं करता है. जब केजीएमयू की स्थापना हुई थी तो उस समय 10 लाख रुपये में शुरू हो गया था. आज इसका दायरा डेढ़ सौ एकड़ के क्षेत्र में होने जा रहा है. देश के बहुत कम संस्थानों में इतनी सीटे हैं.
किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU), लखनऊ के 120वें स्थापना दिवस के अवसर पर आज विश्वविद्यालय के प्रतिभाशाली छात्र-छात्राओं एवं चिकित्सकों को सम्मानित कर संस्थान द्वारा तैयार नियमावली पुस्तक का विमोचन किया।
आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी की मंशा के अनुरूप कार्य करते… pic.twitter.com/t6cdjg8zvn
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) December 21, 2024
कोई भी मरीज निराश होकर न जाने पाए- सीएम
सीएम योगी ने कहा कि व्यक्ति व संस्थान की पहचान संकट, बुरे समय में होती है. चुनौती आने पर बहुत से लोग मैदान छोड़ कर भाग जाते हैं. वह एक ऐसा समय होता है, जब व्यक्ति को निर्णय लेना होता है. उस समय चुनौती को स्वीकार करने वाला निखरता है. भागने वाला बिखर जाता है. हम लोगों को संस्थान व स्वयं के गौरव को आगे बढ़ाना है. सभी को ध्यान रखना है कि कोई भी मरीज निराश होकर न जाए.
कार्यक्रम संबोधन के दौरान सीएम योगी ने कहा कि शासन ने सब कुछ दिया हुआ है. आज ही नहीं आगे के 100 सालों की कार्य योजना को देखा है. सदी की सबसे बड़ी महामारी कोरोना के दैरान में केजीएमयू ने मिसाल पेश की थी. उन्होंने कहा कि एक मेडिकल कॉलेज के कुछ डॉक्टरों ने खुद को क्वारेंटीन कर लिया था. लेकिन, जांच में निगेटिव मिले थे. जिसके बाद मैं ने उनको निलंबित कर दिया था.
तकनीक व चिकित्सा विभाग को मिलकर काम करना होगा
सीएम ने कहा कि केजीएमयू के डॉक्टरों ने काम किया, मिशाल पेश की. वहीं उन्होंने कहा कि सर्जरी के लिए 377 करोड़ रुपये के नए भवन के लिए धनराशि स्वीकृत की गई है. वहीं, फायर सिक्योरिटी के लिए लारी का विस्तार 70 करोड़ रुपए की लागत से हो रहा है. आप सभी लोग आपसी सहयोग में और तेजी लाएं. तकनीक व चिकित्सा विभाग को मिलकर काम करना होगा.
काम को समयबद्ध तरीके से आगे बढ़ाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड़ महामारी के दौरान अमेरिका से दिल के डॉक्टर आए थे. वह डॉक्टर कानपुर से पढ़े हुए थे. बीटेक करने के बाद अमेरिका में जाकर डॉक्टर बन गए. हमें आगे आने के लिए प्रयास करना होगा. पैसे की कोई कमी नहीं है. काम को समयबद्ध तरीके से आगे बढ़ाना होगा.
मरीजों के प्रति अपने व्यवहार को रखें अच्छा
मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉक्टरों के लिए सबसे बड़ी पूंजी उसकी संवेदना होती है. सबके निरोग होने की कल्पना के साथ डॉक्टर का व्यवहार भी ठीक होना चाहिए. जिससे बाकी के स्टाफ का भी व्यवहार ठीक रहे. क्योंकि बीमारी चली जाती है लेकिन व्यवहार जीवन भर याद रहता है.