प्रयागराज; सकल विश्व में मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत के तौर पर विख्यात कुंभ मेला, अब महाकुंभ के नए स्वरूप में सनातन संस्कृति की शाश्वत प्रकृति को दर्शाने के लिए तैयार है. यहां मोक्ष, आत्मिक, आध्यात्मिक उन्नति, स्व से साक्षात्कार के साथ ही एक ऐसा अनुभव होने जा रहा है, जिसे हर किसी को जीवन में एक बार जरूर अनुभव करना चाहिए. न केवल समूचे भारत बल्कि पूरी दुनिया से 45 करोड़ से अधिक श्रद्धालु व पर्यटक इस महासमागम के साक्षी बनने संगमनगरी तीर्थराज प्रयागराज आ रहे हैं.
उल्लेखनीय है कि प्रयाग के पवित्र संगम पर 13 जनवरी से 27 फरवरी के मध्य इस महापर्व का उत्तम अनुभव एनआरआई ‘अनिवासी भारतीय’ श्रद्धालुओं तथा विदेशी पर्यटकों को मिल सके, इसकी भी उत्तम व्यवस्था डबल इंजन सरकार द्वारा की गई है.
ट्रैवलिंग, कनेक्टिविटी, अकॉमोडेशन, फूडिंग-लॉजिंग समेत विभिन्न मानकों को लेकर वैश्विक प्रतिमान के अनुरूप व्यवस्था की जा रही है. डिजिटल महाकुंभ में वर्चुअल रिएलिटी के जरिए समुद्र मंथन समेत कुंभ के विभिन्न पहलुओं का साक्षात्कार भी संभव हो सकेगा. यह आयोजन भारत की अतिथि-सत्कार परम्परा व सांस्कृतिक धरोहर के भव्य प्रदर्शन का माध्यम बनेगा.
विशेष एनआरआई व विदेशी पर्यटक भारतीय केंद्र संस्कृति, योग, ध्यान, और कुंभ मेले के महत्व को समझाने के लिए विशेष प्रदर्शनी और कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी. विदेशी पर्यटकों की सुविधा के लिए कैशलेस भुगतान की व्यवस्था एवं विदेशी मुद्राओं के एक्सचेंज के लिए अधिकृत केंद्र स्थापित किए जाएंगे. विशेष नेटवर्किंग कार्यक्रम का आयोजन होगा जहां विदेशी पर्यटक स्थानीय लोगों और एनआरआई समुदाय के साथ बातचीत कर सकते हैं.
वहीं एनआरआई और विदेशी पर्यटक भी सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग ले सकेंगे. विदेशी पर्यटकों के लिए पारंपरिक भारतीय व्यंजनों और हस्तशिल्प वस्त्रों का अनुभव करने के लिए विशेष स्टॉल उपलब्ध कराए जाएंगे. प्रयागराज सात स्तरीय सुरक्षा चक्र घेरे में हैं. विदेशी पर्यटकों की सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए हैं. वह किसी भी तरह की असुविधा पर टोल फ्री नंबर पर सहायता मांग सकेंगे.
डिजिटल महाकुंभ बनेगा यादगार
महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालु सनातन धर्म के आध्यात्मिक गौरव एवं वैभव का दर्शन करने के साथ ही डिजिटल महाकुंभ का भी अनुभव करेंगे. डिजिटल म्यूजियम में वर्चुअल रिएलिटी के माध्यम से महाकुम्भ के विभिन्न पहलुओं का दीदार हो सकेगा. महाकुंभ की वेबसाइट, ऐप, 11 भाषाओं में ऐआई चैट बॉट, लोगों एवं वाहनों के लिए क्यूआर आधारित पास रहेगा. एनआरआई और विदेशी नागरिकों के लिए विशेष स्वागत केंद्र स्थापित किए जाएंगे. वहीं महाकुंभ के दौरान विभिन्न शहरों से प्रयागराज के लिए उड़ान सेवा उपलब्ध होगी.
बहुभाषीय गाइड व सूचना प्रणाली अंग्रेजी, फ्रेंच, जर्मन, जापानी, और अन्य प्रमुख भाषाओं में प्रशिक्षित गाइड उपलब्ध कराए जाएंगे. स्थानों और गतिविधियों के विवरण के लिए बहुभाषीय संकेत और सूचना केंद्र बनाए गए हैं. इसके साथ ही विशेष स्नान की व्यवस्था होगी.
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संगम पर एनआरआई और विदेशी पर्यटकों के लिए विशेष वीआईपी स्नान घाट व दर्शन की व्यवस्था होगी. भीड़ प्रबंधन के लिए अलग से एंट्री और एग्जिट पॉइंट्स होंगे. भारतीय संस्कृति, योग, ध्यान और कुंभ मेले के महत्व को समझाने के लिए विशेष प्रदर्शनी और कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी.