लखनऊ: यूपी की राजधानी लखनऊ के मलिहाबाद तहसील से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां तहसील कार्यालय से एक नोटिस राजभवन के पते पर नोटिस भेजा गया है. जिस पर राज्यपाल आनंदी बेन पटेल का नाम भी लिखा हुआ है. इस नोटिस को स्पीड पोस्ट से राजभवन भेजा गया था, जो दो दिन पहले यानी 11 दिसंबर को राजभवन पहुंचा था. राज्यपाल सचिवालय ने फिलहाल नोटिस तो रद्द कर दिया है, लेकिन इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच करने के आदेश दिए हैं.
राजभवन ने मलिहाबाद तहसील प्रशासन को फटकार लगाते हुए कहा कि ऐसी शरारतें दोबारा नहीं होनी चाहिए. राजभवन कार्यालय ने तहसील प्रशासन को नोटिस भेजने वाले के खिलाफ धारा 361 के तहत कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए हैं. साथ ही नोटिस मामले को लेकर जांच भी बैठा दी है.
भेजे गए नोटिस की हैंड राइटिंग संदिग्ध
मलिहाबाद के तहसीलदार विकास सिंह के अनुसार, यह नोटिस हाथों से लिखा गया है. उन्हें इसके बारे में जानकारी नहीं है. नोटिस में लिखी गई भाषा शैली और राइटिंग संदिग्ध है. तहसीलदार ने कहा कि किसी ने साजिश के तहत जानबूझकर इसे राजभवन भेजा है. इस नोटिस में ‘मीरा पाल बनाम उत्तर प्रदेश सरकार’ से जुड़े एक बेदखली मामले का है. जिसके संबंध में एक कोर्ट का निर्णय होने का दावा किया गया था।
नोटिस पर पेशकार के हस्ताक्षर
नोटिस पर तहसीलदार कोर्ट के पेशकार गंगाराम के हस्ताक्षर हैं. हालांकि तहसील प्रशासन ने इसे फर्जी करार देते हुए जांच शुरू कर दी है. तहसीलदार ने कहा कि नोटिस में लिखी गई हैंडराइटिंग का मिलान सभी पेशकारों से कराया जाएगा. जिसके बाद सच्चाई सामने आने की संभावना है.
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तहसील प्रशासन में मचा हड़कंप
राजभवन की ओर से मिली चेतावनी और निर्देश के बाद तहसील प्रशासन में हड़कंप मच गया है. मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन ने जांच के आदेश दिए हैं और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की बात कही है.