सीतापुर: जिले की पुलिस ने सिधौली थाना क्षेत्र में एक बड़े धर्म परिवर्तन रैकेट का भंडाफोड़ करते हुए 7 मिशनरियों को गिरफ्तार किया है. इन पर आरोप है कि वे भोले-भाले ग्रामीणों को प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन करवा रहे थे. यह कार्रवाई विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं की सूचना पर की गई.
👉थाना सिधौली पुलिस द्वारा उ0प्र0 विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम के तहत 07 अभियुक्त गिरफ्तार।
👉मौके से दो अदद डायरी व 02 अदद मोबाइल फोन बरामद।
इस संबंध में #SP_SITAPUR द्वारा दी गयी बाइट-@Igrangelucknow pic.twitter.com/wS2PPPdpKp
— Sitapur Police (@sitapurpolice) December 13, 2024
क्या है मामला?
मामला सिधौली कोतवाली क्षेत्र के कटसरैया गांव का है, यहां एक घर में प्रार्थना सभा के नाम पर लोगों को इकट्ठा किया गया था. आरोप है कि सभा में लोगों को नौकरी, पैसे और अन्य लाभ का लालच देकर उनका धर्म परिवर्तन कराया जा रहा था. मिशनरी कार्यकर्ताओं ने यहां गांव के अशिक्षित और भोले-भाले लोगों को निशाना बनाकर उनका ब्रेनवॉश करने की कोशिश की.
विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं को इस बारे में जानकारी मिली तो उन्होंने पुलिस को सूचित किया. सूचना के बाद पुलिस ने मौके पर पहुंची और 7 लोगों को गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तार आरोपियों में अशोक कुमार और रामपाल सीतापुर जिले के, अनिल कुमार और बलराम लखीमपुर खीरी जिले के, सुनील कुमार और अनुराग भारती कन्नौज जिले के व अंकित रावत लखनऊ जिले का निवासी है.
सीतापुर एसपी चक्रेश मिश्रा ने दी जानकारी
सीतापुर के एसपी चक्रेश मिश्रा ने मामले पर जानकारी देते हुए बताया कि जिले में प्रार्थना सभा के नाम पर ईसाई मिशनरियों द्वारा लोगों का धर्म परिवर्तन कराए जाने की सूचनाएं मिल रही थी. इस पर एक विशेष टीम का गठन किया गया था. इसी क्रम में प्राप्त सूचना के आधार पर सिधौली कोतवाली पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों के पास से दो मोबाइल, दो डायरी और धार्मिक साहित्य बरामद हुआ है. सभी आरोपियों के खिलाफ उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम के तहत मामला दर्जकर लिया गया है आगे की कार्रवाई जारी है.
यह भी पढ़ें: सीतापुर की गुलफ्शा बानो बनीं ‘रोशनी पाल’, धर्म परिवर्तन कर बदायूं के सूरज से रचाई शादी
विहिप कार्यकर्ता ने दी तहरीर
विहिप कार्यकर्ता अभिषेक कुमार ने सिधौली कोतवाली में तहरीर दी थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि मिशनरी कार्यकर्ता हिंदू धर्म के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए भोले-भाले लोगों को धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित करते थे. तहरीर में यह भी कहा गया कि इन मिशनरियों द्वारा अशिक्षित लोगों को प्रलोभन देकर उनका धर्म परिवर्तन कराया जाता था.