नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को अपने आवास पर महान तमिल कवि और स्वतंत्रता सेनानी सुब्रमण्य भारती की संपूर्ण रचनाओं के संग्रह का विमोचन किया. इस संग्रह में 23 खंड हैं, जिन्हें सीनी विश्वनाथन ने संकलित और संपादित किया है और जो एलायंस पब्लिशर्स द्वारा प्रकाशित किया गया है. संग्रह में सुब्रमण्य भारती के लेखन के संस्करणों, स्पष्टीकरणों, दस्तावेजों, पृष्ठभूमि की जानकारी और दार्शनिक प्रस्तुति का विस्तार से उल्लेख किया गया है.
#WATCH दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तमिल कवि और स्वतंत्रता सेनानी सुब्रमण्यम भारती की संपूर्ण रचनाओं के संग्रह का विमोचन किया।
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— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 11, 2024
प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर कहा कि सुब्रमण्य भारती की रचनाओं का संकलन करने से उन्हें विशेष गौरव की अनुभूति हो रही है. उन्होंने बताया कि महाकवि का दृष्टिकोण समृद्ध भारत और प्रत्येक व्यक्ति के सशक्तीकरण के लिए पीढ़ियों को प्रेरित करेगा. प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि यह संग्रह शोधार्थियों के लिए अत्यधिक उपयोगी सिद्ध होगा. सुब्रमण्य भारती की गीता के प्रति गहरी आस्था थी, और उन्होंने गीता का तमिल भाषा में सरल रूप में अनुवाद किया था.
प्रधानमंत्री ने अपनी बात को रखते हुए आगे कहा कि हमारी संस्कृति में शब्दों को केवल अभिव्यक्ति के रूप में नहीं बल्कि ‘शब्द ब्रह्म’ के रूप में देखा जाता है, जो असीम शक्ति का प्रतीक है. उन्होंने यह भी कहा कि आज भारत सुब्रमण्य भारती की जयंती मना रहा है, जो भारत की संस्कृति, साहित्य और स्वतंत्रता संग्राम की धरोहर का प्रतीक हैं.
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प्रधानमंत्री ने सुब्रमण्य भारती के कार्यों को न केवल तमिलनाडु की बल्कि पूरे भारत की धरोहर बताया और कहा कि वे एक ऐसे विचारक थे जिनकी हर सांस मातृभूमि की सेवा में समर्पित थी. इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, राव इंद्रजीत सिंह, एल मुरुगन, साहित्यकार सीनी विश्वनाथन सहित अनेक गण्यमान्य लोग उपस्थित रहे.