वाराणसी: उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने वाराणसी के उदय प्रताप कॉलेज की संपत्ति पर अपना दावा छोड़ दिया है. बोर्ड ने एक पत्र के माध्यम से जानकारी दी कि 18 जनवरी 2021 को ही उनका यह दावा निस्तारित कर दिया गया था. इसके साथ ही कॉलेज परिसर में मौजूद मजार पर वक्फ बोर्ड का दावा भी अब समाप्त हो गया है.
यह घटनाक्रम तब सामने आया जब बीते दिनों कॉलेज के कुछ छात्रों ने वक्फ बोर्ड के दावे के विरोध में मजार पर हनुमान चालीसा का पाठ करने की कोशिश की थी. छात्रों का आरोप था कि वक्फ बोर्ड ने कॉलेज की संपत्ति पर गलत दावा किया है. इस विरोध के दौरान स्थिति तनावपूर्ण हो गई थी, जिसके बाद मौके पर भारी पुलिस फोर्स तैनात करना पड़ा था. हनुमान चालीसा का पाठ करने वाले 7 छात्रों को पुलिस ने हिरासत में लिया था. हालांकि बाद में उन्हें छोड़ दिया गया था.
कॉलेज प्रशासन ने इस घटनाक्रम के बाद सभी छात्रों से शांति और सौहार्द बनाए रखने की अपील की है. कॉलेज के प्रिंसिपल ने एक बयान में कहा कि छात्रों को इस मामले में विवेकपूर्ण तरीके से व्यवहार करना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस मजार को कॉलेज परिसर से हटा देना चाहिए, यह विषय वह कॉलेज प्रशासन के सामने उठाएंगे. प्रधानाचार्य ने यह भी कहा कि मजार और मस्जिद कॉलेज परिसर में अतिक्रमण कर बनाई गई है. आगे उन्होंने यह भी अपील की है कि 40 से 50 नमाजी ही मस्जिद में नमाज पढ़ने आएं, जिससे माहौल न बिगड़े.
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कॉलेज प्रशासन का दावा है जमीन की खतौनी में कहीं भी मस्जिद का जिक्र नहीं है. कॉलेज के अधिकारियों ने बताया कि पहले 40 से 50 लोग ही मस्जिद में नमाज पढ़ने आते थे, लेकिन बीते शुक्रवार को बड़ी संख्या में मुस्लिम समाज के लोग कॉलेज परिसर में बनी मस्जिद में नमाज पढ़ने पहुंच गए, जिसके चलते स्थिति तनावपूर्ण हो गई.