संभल; समाजवादी विधायक इकबाल महमूद ने संभल हिंसा में हो रही न्यायिक जांच पर संदेस जताया है. कहा है कि सरकार के दबाव में न्यायिक जांच कमेटी कुछ भी कर सकती है. इसलिए जांच हाईकोर्ट के सीटिंग जज के नेतृत्व के गठित टीम से कराई जानी चाहिए.
बता दें कि संभल विधानसभा सीट से सपा विध्यायक इकबाल महमूद ने कहा कि संभल हिंसा में मारे गए लोगों की आवाज को वह असेंबली से लेकर पार्लियामेंट तक उठायेंगे. 10 दिसंबर के बाद सपा का प्रतिनिधिमंडल मृतकों के परिजनों से मुलाकात कर अपनी संवेदना व्यक्त करेगा. वहीं सपा विधायक ने अंदेशा जताया कि संभल में हुई हिंसा के पीछे शासन-प्रशासन की कोई कमी रही है, जिसे वह छिपाने की कोशिश कर रहे हैं. इसी लिए सभी नेताओं को वहां जाने से रोका जा रहा है.
वहीं सपा विधायक इकबाल महमूद ने रिटायर्ड जज के नेतृत्व में गठित न्यायिक जांच कमेटी पर भी संदेह जताया है. कहा कि संभल हिंसा की जांच हाईकोर्ट के सिटिंग जज के नेतृत्व में की जानी चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि मौजूदा जांच कमेटी को ज्यूडिशियरी इनक्वायरी को हम नहीं मानते हैं. वहीं उन्होंने दावा किया कि सरकार के दबाव में न्यायिक जांच कमेटी कुछ भी कर सकती है.
इकबाल महमूद ने उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक के बयान पर कहा कि भाजपा समाजवादी पार्टी के लोगों को ऐसे शब्दों से नवाजना चाहती है, जिससे जनता के बीच में उनकी छवि खराब हो सके. कहा कि अगर संभल घटना में सपा का हांथ है तो फिर इस पूरी घटना के लिए लिए सिटिंग जज के नेतृत्व में न्यायिक जांच कमेटी बनाएं ताकि दूध का दूध अवुर पानी का पानी हो जाए.
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बता दें कि 24 नवंबर को शाही जामा मस्जिद में सर्वे के दौरान हिंसा हो गई थी. हिंदू पक्ष के लोगों ने मस्जिद को हरिहर मंदिर होने का दावा किया था. इसी कड़ी में कोर्ट ने 19 नवंबर को मस्जिद के सर्वे का आदेश जारी किया था.