नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने शनिवार को बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों को तत्काल रोकने की मांग की और इस्कॉन के सदस्य चिन्मय कृष्ण दास की अविलंब रिहाई की अपील की. संघ ने केंद्र सरकार से भी बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों के खिलाफ वैश्विक स्तर पर जनमत बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया है.
चिन्मय कृष्ण दास को 25 नवंबर 2024 को ढाका के हजरत शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से बांग्लादेश की जासूसी एजेंसी द्वारा गिरफ्तार किया गया था. उन्हें शांतिपूर्ण प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार किया गया, जिसमें बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ हो रहे अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाई गई थी.
आरएसएस के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि बांग्लादेश में हिंदू और अन्य अल्पसंख्यकों पर इस्लामिक कट्टरपंथियों द्वारा हो रहे हमले, हत्या, लूट, आगजनी और महिलाओं पर अमानवीय अत्याचार अत्यंत चिंताजनक हैं. बांग्लादेश सरकार और अन्य एजेंसियां इसे रोकने के बजाय मूकदर्शक बनी हुई हैं. उन्होंने बांग्लादेश के हिंदू समुदाय के शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शनों को दबाने के लिए बढ़ते अत्याचारों की निंदा की और कहा कि यह स्थिति असहनीय हो गई है.
सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि हिंदू समुदाय के शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे इस्कॉन के संन्यासी चिन्मय कृष्ण दास को गिरफ्तार करना अन्यायपूर्ण है. हम बांग्लादेश सरकार से मांग करते हैं कि वे सुनिश्चित करें कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों को तुरंत बंद किया जाए और चिन्मय कृष्ण दास को जेल से रिहा किया जाए.
आरएसएस ने भारत सरकार से की अपील
आरएसएस ने भारत सरकार से भी आग्रह किया कि वह बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रहे अत्याचारों को रोकने के लिए हर संभव प्रयास करें और इसके लिए वैश्विक स्तर पर समर्थन जुटाने के लिए तत्काल कदम उठाए. होसबाले ने कहा कि इस महत्वपूर्ण समय में भारत और वैश्विक समुदायों को बांग्लादेश के पीड़ितों के साथ खड़ा होना चाहिए. वे अपनी सरकारों से इस मुद्दे पर हरसंभव प्रयास करने की मांग करें ताकि विश्व शांति और भाईचारे को बढ़ावा दिया जा सके.