लखनऊ: सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सपा डेलिगेशन को संभल जाने से रोकने पर योगी सरकार पर निशाना साधा है. अखिलेश यादव ने कहा कि प्रतिबंध लगाना भाजपा सरकार के शासन, प्रशासन और सरकारी प्रबंधन की नाकामी है. ऐसा प्रतिबंध अगर सरकार उन पर पहले ही लगा देती, जिन्होंने दंगा-फ़साद करवाने का सपना देखा और उन्मादी नारे लगवाए तो संभल में सौहार्द-शांति का वातावरण नहीं बिगड़ता.
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म x पर आगे लिखा कि भाजपा जैसे पूरी की पूरी कैबिनेट एक साथ बदल देते हैं, वैसे ही संभल में ऊपर से लेकर नीचे तक का पूरा प्रशासनिक मंडल निलंबित करके उन पर साज़िशन लापरवाही का आरोप लगाते हुए, सच्ची कार्रवाइ करके बर्ख़ास्त भी करना चाहिए और किसी की जान लेने का मुक़दमा भी चलना चाहिए. भाजपा हार चुकी है.
प्रतिबंध लगाना भाजपा सरकार के शासन, प्रशासन और सरकारी प्रबंधन की नाकामी है। ऐसा प्रतिबंध अगर सरकार उन पर पहले ही लगा देती, जिन्होंने दंगा-फ़साद करवाने का सपना देखा और उन्मादी नारे लगवाए तो संभल में सौहार्द-शांति का वातावरण नहीं बिगड़ता।
भाजपा जैसे पूरी की पूरी कैबिनेट एक साथ… pic.twitter.com/7ouboVnQu4
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) November 30, 2024
संभल जाने से रोके जाने पर भड़के माता प्रसाद, बोले – ‘नोटिस बिना पुलिस तैनात करना गलत’
सपा के विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडे ने कहा कि उन्हें कोई लिखित नोटिस नहीं मिला, जबकि नियमानुसार ऐसा नोटिस मिलना चाहिए था. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार जानबूझकर अपनी गलतियों को छिपाने के लिए उन्हें रोक रही है.
माता प्रसाद के घर के बाहर पुलिस तैनात, सपा नेता बोले- मुझे कहीं भी जाने का अधिकार है
इस प्रतिनिधिमंडल में संभल के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद भी शामिल थे. खास बात यह है कि संभल हिंसा से संबंधित पुलिस की एफआईआर में सांसद बर्क और विधायक इकबाल महमूद के बेटे सोहेल इकबाल का नाम भी है. हीं, बीजेपी नेता संगीत सोम ने इस हिंसा के लिए समाजवादी पार्टी को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा जिन पर हिंसा का आरोप है, वही अब हिंसा की सच्चाई का पता लगाएंगे.
संभल में 10 दिसंबर तक बाहरी लोगों और संगठनों के प्रवेश पर रोक
संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के बाद भड़की हिंसा के मद्देनजर जिला प्रशासन ने शांति और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. शनिवार को जारी आदेश में संभल के जिलाधिकारी राजेंद्र पेंसिया ने कहा कि 10 दिसंबर तक जिले में बाहरी व्यक्तियों, सामाजिक संगठनों और जनप्रतिनिधियों के प्रवेश पर रोक रहेगी.
जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि जिले की सीमा में किसी भी बाहरी व्यक्ति, संगठन या जनप्रतिनिधि को सक्षम प्राधिकारी की अनुमति के बिना प्रवेश नहीं मिलेगा. इस कदम का उद्देश्य क्षेत्र में शांति बनाए रखना और किसी भी अप्रिय स्थिति से बचाव करना है.
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