लखनऊ: संभल हिंसा में 4 लोगों की मौत के बाद समाजवादी पार्टी ने बड़ा निर्णय लिया है. सपा का 15 सदस्यीय एक प्रतिनिधिमंडल 30 नवंबर को संभल जाएगा और पीड़ितों से मुलाकात करेगा. इस प्रतिनिधिमंडल में सपा के वरिष्ठ नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय, लाल बिहार यादव, श्याम लाल पाल, हरेंद्र मलिक, रुचि वीरा, इकरा हसन, जियाउर्रहमान बर्क, नीरय मौर्य, कमाल अख्तर, रविदास मेहरोत्रा, नवाब इकबाल महमूद, पिंकी सिंह यादव, अली अंसारी, जयवीर सिंह यादव और शिवचरण कश्यप शामिल होंगे. प्रतिनिधिमंडल हिंसा की घटनाओं की विस्तृत रिपोर्ट सपा प्रमुख अखिलेश यादव को सौंपेगा.
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) November 29, 2024
संभल जाने को लेकर सपा नेता माता प्रसाद पांडेय ने कहा कि अगर मीडिया वहां जा सकती है, तो हम क्यों नहीं जा सकते हैं? उन्होंने धारा 163 लागू होने का विरोध करते हुए कहा कि यह आदेश पीड़ितों से मिलने के उनके अधिकार को छीनने की कोशिश है. पांडेय ने कहा कि हम वहां लोगों को भड़काने के लिए नहीं जा रहे हैं, बल्कि पीड़ितों से मिलने के लिए जा रहे हैं. सरकार सच को सामने आने से डर रही है, इसलिए हमें रोकने का प्रयास किया जा रहा है.
फिलहाल संभल जाने की खबरों के बाद नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय के घर के बाहर पुलिस की तैनाती कर दी गई है. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि सरकार गलत कामों को छिपाने के लिए हमें रोका रही है. हम मृतकों के परिवारों से मिलना चाहते हैं, लेकिन सरकार हमें वहां जाने दे. बदा दें की संभल में फिलहाल धारा 163 लागू है, साथ ही किसी भी बाहरी व्यक्ति के बिना अनुमति के जिले में प्रवेश को प्रतिबंधित है.
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हिंसा के बाद शासन सख्त
बीते रविवार को संभल हिंसा के बाद प्रशासन सख्त है. हिंसा का स्थिति फिर से उत्पन्न न हो इसके लिए पुलिस मुस्तैदी के साथ डटी हुई है. मामले की गंभीरता को देखते हुए जिले में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई है. दंगाइयों की तलाश जारी है. साथ ही कई लोगों को हिरासत में भी लिया जा चुका है.