संभल: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में विवादित शाही जामा मस्जिद में हाल ही में हुए सर्वे के दौरान हिंसा भड़क उठी थी, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई और 20 से ज्यादा लोग घायल हो गए. हालांकि, मस्जिद का सर्वे पूरा हो चुका है और आज इसकी रिपोर्ट अदालत में पेश की जाएगी. वहीं इस मामले में आज सुप्रीम कोर्ट भी सुनवाई करेगा. इस बीच, शहर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है और जुमे की नमाज के पहले पुलिस बल को अलर्ट कर दिया गया है. जामा मस्जिद के प्रवेश द्वार पर शुक्रवार जुमे की नमाज से पहले सुरक्षा के मद्देनज़र मेटल डिटेक्टर लगाए गए हैं. पुलिस प्रशासन ने ये कार्यवाही लोगों के इकट्ठे होने से पहले की है.
संभल में शाही जामा मस्जिद के प्रवेश द्वार पर लगाए गए मेटल डिटेक्टर
शुक्रवार जुमे की नमाज के लिए लोगों के एकत्र होने से पहले बढ़ाई गई सुरक्षा..
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वहीं, संभल में सुरक्षा के मद्देनज़र भारी पुलिस बल तैनात किया गया है. यहां पीएसी की 15 कंपनियां और आरएएफ की दो कंपनियां तैनात हैं और साथ ही 10 जिलों की पुलिस इलाके में गश्त कर रही हैं. दंगा निरोधक बल की विशेष टीमें भी शहर में निगरानी रख रही हैं. मस्जिद के आसपास की गतिविधियों पर ड्रोन और CCTV कैमरों के जरिए कड़ी नजर रखी जा रही है.
इसके अलावा, जिले में BNS की धारा 163 के तहत चार या उससे अधिक लोगों के एकत्र होने पर रोक लगाई गई है. मस्जिद के बाहर नमाज अदा करने की अनुमति नहीं है और केवल अंदर ही इबादत करने की अनुमति है. अधिकारियों के अनुसार, मस्जिद में सिर्फ स्थानीय निवासियों को प्रवेश की अनुमति है और सुरक्षा कारणों से मेटल डिटेक्टर लगाए गए हैं. मस्जिद के आसपास के घरों की छतों पर भी पुलिस तैनात है और 50 से अधिक संदिग्ध व्यक्तियों को हिरासत में लिया गया है.
यह विवाद तब शुरू हुआ जब हिंदू पक्ष ने दावा किया कि शाही जामा मस्जिद के स्थान पर पहले श्रीहरिहर मंदिर हुआ करता था. इस दावे के आधार पर कोर्ट ने मस्जिद का सर्वे करने का आदेश दिया था. रविवार सुबह सात बजे सर्वे शुरू हुआ, जो लगभग दो घंटे में पूरा हुआ। इसी दौरान, मस्जिद के बाहर भारी भीड़ जमा हो गई और पथराव शुरू हो गया. कुछ उपद्रवियों ने फायरिंग की और सड़क पर आगजनी की, जिससे पुलिस को कार्रवाई करनी पड़ी. इस हिंसा में चार लोगों की जान गई और 20 से ज्यादा लोग घायल हुए.
बता दें, संभल में हुई हिंसा की घटना के बाद राज्य सरकार ने इसकी न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं. इस जांच का नेतृत्व सेवानिवृत्त हाईकोर्ट जज डी.के. अरोड़ा, अमित मोहन प्रसाद और ए.के. जैन की तीन सदस्यीय समिति करेगी. यह समिति घटना की गहन जांच कर सही तथ्यों का खुलासा करेगी.