लखनऊ: बीते रविवार को यूपी के संभल जिले में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हिंसा भड़की थी. उपद्रवियों ने जमकर पुलिस टीम पर पथराव किया, इस दौरान फायरिंग भी हुई थी, जिससे गोली लगने से 5 लोगों की मौत हो गई थी. इस मामले को लेकर योगी सरकार ने उपद्रवियों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए हैं. पुलिस ने अब तक 27 दंगाइयों को गिरफ्तार किया है. जिनमें 3 नाबालिग भी शामिल हैं. अन्य 74 दंगाइयों की पहचान कर ली गई है. लेकिन यह अभी फरार हैं. इसी स्थिति में योगी सरकार ने फरार दंगाइयों के पोस्टर लगाने की योजना बना रही है. साथ ही इन सभी से दंगा के दौरान हुई, सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान की भरपाई भी की जाएगी.
संभल के एसपी कृष्ण कुमार ने बताया कि रविवार को हुई हिंसा के बाद इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया गया था, जो फिलहाल अब भी जारी है. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि स्थिति सामान्य है और सभी अन्य सेवाएं बहाल कर दी गई हैं. पुलिस ने घटना में शामिल लोगों के सीसीटीवी फुटेज खंगाले हैं और 100 से ज्यादा आरोपियों की पहचान की है, जो जल्द ही पुलिस की गिरफ्त में होंगे.
एसपी ने यह भी बताया कि संभल के सांसद जिया-उर-रहमान बर्क को 23 नवंबर को BNS की धारा 168 के तहत नोटिस जारी किया गया है, जो हिंसा के दौरान कथित रूप से सक्रिय थे. उधर संभल पुलिस और जिला प्रशासन ने योगी सरकार को हिंसा के मामले में एक रिपोर्ट सौंपी है.
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इस रिपोर्ट में हिंसा के समय की घटनाओं का विस्तृत विवरण है. रिपोर्ट में बताया गया है कि सर्वे टीम कब आई और उसके बाद हिंसा कैसे शुरू हुई. रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि मौके पर कितनी बड़ी भीड़ मौजूद थी और कैसे पत्थरबाजी के साथ हिंसा फैल गई. पुलिस ने हिंसक भीड़ के खिलाफ उठाए गए कदमों और आगे की योजना को भी रिपोर्ट में शामिल किया है.