जानकी मंदिर परिसर में आयोजित एक भव्य समारोह में तिलक के सामान को विधिपूर्वक पूजा के बाद अयोध्या के लिए भेजा गया. इस दौरान वहां मौजूद लोगों ने सीता माता के ससुराल भेजने के लिए उपहारों की विशेष तैयारी की थी. तिलक के सामान में मिठाई, कपड़े, गहनों सहित अन्य पारंपरिक उपहार शामिल थे. इन उपहारों को बांस के बने दौरे में रखकर अयोध्या भेजा गया.
समारोह में मधेश प्रदेश के मुख्यमंत्री सतीश कुमार सिंह, जानकी मंदिर के उत्तराधिकारी महंथ रामरोशन दास और जनकपुरधाम के मेयर मनोज साह के नेतृत्व में करीब 500 लोगों का समूह सौ वाहनों के काफिले के साथ अयोध्या के लिए रवाना हुआ. यह तिलक जनकपुर से बीरगंज होते हुए बिहार के रक्सौल में प्रवेश करेगा और वहां से बेतिया, बाल्मीकिनगर, गोरखपुर होते हुए रविवार को अयोध्या पहुंचेगा.
तिलकोत्सव का आयोजन
समारोह के समन्वयक, विश्व हिंदू परिषद नेपाल के महासचिव जितेंद्र सिंह ने बताया कि 18 नवंबर को अयोध्या के कारसेवकपुरम् में तिलकोत्सव का आयोजन किया जाएगा, जिसमें तिलक का भार श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय और विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय मंत्री राजेंद्र सिंह पंकज को सौंपा जाएगा. इसी समारोह में भगवान राम के परिवार को 6 दिसंबर को होने वाले विवाह महोत्सव में बारात लेकर आने के लिए निमंत्रण भी सौंपा जाएगा.
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मधेश प्रदेश के मुख्यमंत्री सतीश कुमार सिंह ने कहा कि वे स्वयं अयोध्या वासियों को माता सीता और भगवान राम के विवाह में बारात लेकर आने के लिए निमंत्रण पत्र सौंपेंगे. इस विशेष निमंत्रण पत्र को चंपत राय और राजेंद्र सिंह पंकज को सौंपा जाएगा.