प्रयागराज: महाकुम्भ 2025 के पहले प्रयागराज के घाटों को एक नया और भव्य रूप दिया जा रहा है. योगी सरकार ने काशी की तर्ज पर कुम्भ नगरी के घाटों का पुनरोद्धार शुरू किया है, जिससे गंगा और यमुना के 7 प्रमुख घाटों को आकर्षक रूप में बदला जा रहा है. इन कार्यों से घाटों पर श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए बेहतर सुविधाएं और सौंदर्यीकरण किया जा रहा है, ताकि वे यहां आकर अधिक समय बिता सकें और धार्मिक अनुभव का लाभ उठा सकें.
11 करोड़ रुपये की लागत से घाटों का कायाकल्प
गंगा और यमुना के 7 प्रमुख घाटों का पुनर्निर्माण कार्य तेजी से पूरा हो रहा है. इस कार्य पर लगभग 11 करोड़ रुपये की लागत आ रही है. जल निगम के कंस्ट्रक्शन एंड डिजाइन डिवीजन द्वारा किए जा रहे इस कायाकल्प में घाटों पर बेहतर सुविधाओं की व्यवस्था पर जोर दिया जा रहा है. प्रोजेक्ट मैनेजर के अनुसार, इस कार्य की समाप्ति निकट है और इन घाटों का सौंदर्यीकरण और पुनर्निर्माण अगले महाकुम्भ के लिए तैयार हो जाएगा.
प्रयागराज के जिन 7 घाटों का कायाकल्प किया जा रहा है, उनमें बलुआ घाट, कालीघाट, रसूलाबाद घाट, छतनाग घाट झूंसी, नागेश्वर घाट झूंसी, मौज गिरी घाट और पुराना अरैल घाट शामिल हैं. इन घाटों का कार्य लगभग पूरा हो चुका है. 30 नवम्बर तक सभी घाटों का सौंदर्यीकरण और सुविधा विस्तार का कार्य पूरा कर लिया जाएगा.
घाटों पर दी जा रही सुविधाएं
महाकुम्भ के मद्देनजर, प्रयागराज के घाटों पर श्रद्धालुओं और पर्यटकों की सुविधाओं का खास ध्यान रखा जा रहा है. घाटों पर छतरी, हाईमास्ट लाइट्स, पेयजल की व्यवस्था की जा रही है, साथ ही आरओ वाटर सिस्टम और स्वच्छ पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है. इसके अतिरिक्त, सचल टॉयलेट, चेंजिंग रूम और बैठने के लिए बेंच भी लगाई जा रही हैं. घाटों की सुंदरता और स्वच्छता के लिए हरित पट्टी का भी विकास किया जा रहा है, जिससे पर्यटकों को एक सुखद और आरामदायक अनुभव मिल सके.
इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य न केवल घाटों के सौंदर्यीकरण को बढ़ाना है, बल्कि आने वाले महाकुम्भ में लाखों श्रद्धालुओं के लिए सुविधाओं की समुचित व्यवस्था करना है. योगी सरकार के इस कदम से प्रयागराज के घाटों का नया रूप देखने को मिलेगा, जो कुम्भ के धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को और भी बढ़ाएगा.