झांसी: उत्तर प्रदेश में महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज, झांसी के नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई (NICU) में आग लगने से हुए दर्दनाक हादसे में मृत हुए 10 शिशुओं में से 3 की पहचान अभी भी जारी है. शनिवार को मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (CMO) सचिन माहोर ने यह जानकारी दी.
CMOने बताया कि रात करीब 10:30 से 10:45 बजे के बीच शॉर्ट सर्किट के कारण आग लगी थी, जो NICU के ऑक्सीजन युक्त माहौल में तेजी से फैल गई. इस आग में 49 नवजात शिशुओं में से 39 को सुरक्षित निकाल लिया गया, जिनकी हालत स्थिर है.
CMO ने मीडिया को बताया, “NICU में कुल 49 शिशु थे, जिनमें से 39 को बचा लिया गया. दुर्भाग्यवश, 10 शिशुओं की जान चली गई. अब तक बचाए गए शिशुओं की हालत स्थिर है. तीन शिशुओं की पहचान का काम अभी जारी है, और उनकी पहचान होने के बाद शवों को उनके परिवारों को सौंप दिया जाएगा.”
घटना के बारे में माना जा रहा है कि यह आग ऑक्सीजन कंसंट्रेटर में शॉर्ट सर्किट के कारण लगी, जिससे अस्पताल के उच्च ऑक्सीजन वातावरण में आग तेजी से फैल गई. इस हादसे में 39 शिशुओं की जान बचाई गई, लेकिन कई परिवार अभी भी अपने बच्चों के बारे में अनिश्चित हैं.
CM योगी ने उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए
झांसी मेडिकल कॉलेज के NICU में आग लगने के बाद CM योगी आदित्यनाथ ने तत्काल उच्चस्तरीय बैठक बुलाई और इस दुर्घटना की त्वरित जांच के आदेश दिए. CM ने झांसी के कमिश्नर और पुलिस उप महानिरीक्षक को 12 घंटे के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया.
इस बीच, डिप्टी CM और स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक ने घटनास्थल का दौरा किया और मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि हादसे की जांच तीन अलग-अलग स्तरों पर की जाएगी.