प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जम्मू से इलेक्ट्रिक वाहन खरीदकर उत्तर प्रदेश में चलाने पर रोड टैक्स में छूट की मांग करने वाली याचिका खारिज कर दी है. याचिकाकर्ता का कहना था कि जबकि उत्तर प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने पर सरकार ने टैक्स में छूट दी है, वहीं अन्य राज्यों से वाहन खरीदने पर यह छूट नहीं दी जा रही, जो कि भेदभावपूर्ण है. इस पर कोर्ट ने अपना आदेश देते हुए कहा कि राज्य के भीतर वाहन खरीदने से राज्य को राजस्व प्राप्त होता है, जबकि अन्य राज्यों से वाहन खरीदने पर कोई राजस्व लाभ नहीं मिलता. कोर्ट ने यह भी कहा कि राज्य का यह अधिकार है कि वह रोड टैक्स में छूट देने के लिए शर्तें लगाए और इसे अनुचित नहीं माना जा सकता है.
चीफ जस्टिस अरुण भंसाली और जस्टिस विकास बुधवार की डिवीजन बेंच ने यह आदेश मैसर्स बत्रा हेनले केबल्स की याचिका पर सुनाया. याचिकाकर्ता ने जम्मू-कश्मीर से इलेक्ट्रिक वाहन खरीदा और उत्तर प्रदेश में उसका पंजीकरण कराया. उसे रोड टैक्स के रूप में 1,91,900 रुपये का भुगतान करना था. उत्तर प्रदेश सरकार की अधिसूचना के अनुसार, राज्य में खरीदी गई इलेक्ट्रिक वाहनों पर रोड टैक्स में छूट दी जा रही है, लेकिन याची ने इसे लेकर कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें उसने अपने वाहन पर भी टैक्स में छूट देने की मांग की थी.
उत्तर प्रदेश सरकार के एडिशनल चीफ स्टैन्डिंग काउंसिल ने कोर्ट में तर्क दिया कि याचिककर्ता को छूट मिलने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है. राज्य के भीतर वाहन खरीदने पर राज्य को GST का हिस्सा मिलता है, जबकि अन्य राज्यों से वाहनों की खरीद पर राज्य को कोई अतिरिक्त लाभ नहीं होता. अत: राज्य की ओर से लगाई गई शर्तों को अवैध नहीं कहा जा सकता.
जिसपर हाई कोर्ट की चीफ जस्टिस की बेंच ने राज्य की नीति को उचित ठहराते हुए याचिका खारिज कर दी.
ये भी पढ़ें: नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की लैंडिंग टेस्टिंग टली, अब 30 नवंबर से शुरू होगी प्रक्रिया!