प्रयागराज; महाकुंभ में श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर योगी सरकार ने व्यापक तैयारियां की हैं. महाकुंभ के दौरान आग की घटनाओं पर काबू पाने के लिए स्पेशल फायर व्हीकल्स की संख्या में भारी वृद्धि की गई है. वहीं, अत्याधुनिक डिवाइसेज को भी तैनात किए जाने की योजना है. प्रत्येक सेक्टर में दमकल कर्मियों की ड्यूटी लगाई जा रही है. आग की घटनाओं की मॉनीटरिंग के लिए एआई से लैस फायर डिटेक्शन कैमरों को इंस्टॉल किया गया है.
प्रयागराज के मुख्य अग्निशमन अधिकारी और महाकुंभ के नोडल अधिकारी प्रमोद शर्मा ने बताया कि इस बार महाकुंभ को जीरो फायर इंसिडेंट बनाने का पूरा प्रयास किया जा रहा है. इसके लिए व्यापक तैयारी की गई है. वहीं, एडवांस रेस्क्यू टेंडर तैनात किए जा रहे हैं. साथ ही 200 स्पेशल ट्रेन्ड रेस्क्यू ग्रुप को तैनात किया जा रहा है. वहीं, अखाड़ों में आग की घटनाओं को काबू करने के लिए 5000 स्पेशल फायर एक्स्टींगुशर प्रदान किए जा रहे हैं.
यही नहीं, मेले में बड़ी संख्या में एआई लाइसेंस वाले फायर डिटेक्शन कैमरों को भी इंस्टॉल किया जा रहा है. ये कैमरे भी पहली बार उपयोग में लाए जा रहे हैं जो आग की घटनाओं पर नजर रखेंगे और कहीं इस तरह की घटना होती है तो तत्काल कंट्रोल रूम के माध्यम से चंद सेकेंड्स में फायर स्टेशन को सूचना मिल सकेगी. सूचना मिलते ही दो मिनट के अंदर दमकल की गाड़ियां घटनास्थल पर पहुंचेंगी और आग पर काबू पाने का प्रयास करेंगी.
साथ ही उन्होंने बताया कि 2019 कुम्भ की तुलना में इस बार अधिक मैनपावर और व्हीकल्स को डेप्लॉय किया जा रहा है. 2019 में जहां 43 टेंपरेरी फायर स्टेशन बनाए गए थे, वहीं इस बार 50 टेंपरेरी फायर स्टेशन बनाए जा रहे हैं. इसी तरह 20 टेंपरेरी फायर पोस्ट बनाई जा रही हैं. 43 फायर वॉच टॉवर की तुलना में इस बार 50 फायर वॉच टॉवर होंगे, जबकि 4200 की जगह 7000 से अधिक फायर हाइड्रेंट्स लगाए जा रहे हैं.
इसके अतिरिक्त 75 की जगह इस बार 150 से ज्यादा फायर रिजर्व वाटर टैंक्स को उपयोग किया जाएगा. मैनपावर की बात करें तो 2019 में 1551 कर्मियों की जगह इस बार यह संख्या बढ़कर 2071 कर दी गई है. इसी तरह 2019 में कुल 166 व्हीकल्स का डेप्लॉयमेंट था तो इस बार यह संख्या लगभग दोगुनी बढ़कर 351 हो गई है.
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इसके साथ ही, महाकुम्भ में तैनात सभी दमकल कर्मियों की स्पेशल ट्रेनिंग भी कराई गई है. सभी कोर ग्रुप्स के प्रैक्टिकल सेशन की भी व्यवस्था की गई है. एक्सटर्नल आडिट के लिए उत्तराखंड फायर एंड इमरजेंसी सर्विस के साथ एमओयू किया गया है. वहीं नेशनल फायर सर्विस कॉलेज नागपुर के साथ भी एमओयू किया गया है.