लखनऊ: सनातन धर्म में पूर्णिमा का दिन विशेष महत्व रखता है. कार्तिक माह की पूर्मिणा तिथि को सबसे शुभ और पवित्र दिन माना जाता है. इस दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु की पूजा, सत्यनारायण व्रत और स्नान-दान की परंपरा निभाई जाती है. इस साल कार्तिक पूर्णिमा आज शुक्रवार 15 नवंबर को मनाई जा रही है, जो न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसी दिन देव दीवाली और गुरु नानक देव जी की जयंती भी मनाई जाती है.
स्नान-दान और पूजा का मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान-दान का मुहूर्त भोर 4:58 बजे से लेकर 5:51 बजे तक था. वहीं, सत्यनारायण पूजा का पावन समय प्रात: 6:44 बजे से लेकर 10:45 बजे तक रहेगा. चंद्रोदय का समय 4:51 बजे तक है. इस दिन का प्रत्येक क्षण पुण्य और शुभता से भरपूर माना जाता है और भक्त इस अवसर पर विभिन्न पूजा-अनुष्ठानों में सम्मिलित होते हैं.
पूजा विधि
1. भक्त इस दिन जल्दी उठकर स्नान करें और घर व पूजा स्थान को स्वच्छ करें.
2. यदि गंगा घाट पर स्नान करने का अवसर न हो, तो गंगाजल मिलाकर घर पर ही स्नान किया जा सकता है.
3. पूजा के दौरान भगवान विष्णु की प्रतिमा के सामने देसी घी का दीपक जलाएं और विधिवत पूजा करें.
4. सत्यनारायण व्रत का पालन करें और भगवान विष्णु को पंचामृत और पंजीरी का भोग अर्पित करें.
5. इस दिन चंद्रमा को अर्घ्य देना भी शुभ माना जाता है.
6. घर को दीपकों से सजाएं और गंगा घाट पर दीपदान के लिए जाएं.
7. तामसिक आहार से परहेज करें और दिनभर सत्यनारायण कथा का पाठ करें.
यह भी पढ़ें; Weather Update; मौसम यूपी में छाई घने कोहरे की चादर, 32 जिलों को लेकर अलर्ट जारी
विशेष महत्व
कार्तिक पूर्णिमा का दिन विशेष रूप से गंगा स्नान और दीपदान के लिए प्रमुख माना जाता है. हजारों लोग इस दिन गंगा घाटों पर जाकर स्नान करते हैं, जबकि कई भक्त घर पर ही गंगाजल डालकर स्नान करते हैं और दिव्य लाभ प्राप्त करने के लिए पूजा अर्चना करते हैं. इस दिन के धार्मिक महत्व को देखते हुए, भक्तगण पूर्णिमा के पूरे दिन को पुण्यकारी मानते हैं और विभिन्न अनुष्ठानों का पालन करके भगवान के आशीर्वाद की प्राप्ति की कामना करते हैं.