राष्ट्रपति पद का चुनाव जीतने के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने अपने आगामी प्रशासन के लिए एक अहम नियुक्ति की है, जो भारत के संदर्भ में काफी महत्वपूर्ण साबित हो सकती है. ट्रंप ने बीते सोमवार को फ्लोरिडा से सांसद और अमेरिकी संसद में इंडिया कॉकस के प्रमुख माइक वाल्ज को अपना नया ‘राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार’ (NSA) नियुक्त करने की घोषणा की. यह नियुक्ति अमेरिका और भारत के रिश्तों को और मजबूत कर सकती है. विशेषकर चीन के संबंध में.
कौन हैं माइक वाल्ज?
50 वर्षीय माइक वाल्ज एक सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी हैं और अमेरिकी सेना के विशेष बल ग्रीन बेरेट में काम कर चुके हैं. वाल्ज ने 2019 में अमेरिकी संसद के निचले सदन, प्रतिनिधि सभा के लिए चुनाव जीते थे. वह हाउस आर्म्ड सर्विसेज कमेटी, हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी और हाउस इंटेलीजेंस कमेटी जैसे महत्वपूर्ण पैनलों में भी सदस्य रहे हैं.
बाइडन की नीतियों के आलोचक रहे हैं माइक वाल्ज
वाल्ज को राष्ट्रपति जो बाइडन की विदेश नीति का कट्टर आलोचक माना जाता है, खासकर अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी और यूक्रेन संकट को लेकर. वह ट्रंप की नाटो देशों से सुरक्षा पर ज्यादा खर्च करने की नीति के भी समर्थक रहे हैं.
भारत के साथ रिश्ते को मजबूत करने के पक्षधर
माइक वाल्ज अमेरिकी संसद में इंडिया कॉकस के सह-अध्यक्ष भी हैं, जो अमेरिकी संसद का सबसे बड़ा द्विदलीय समूह है. वर्तमान में इसके 40 सदस्य हैं. वाल्ज का भारत के प्रति रुख सकारात्मक और सहयोगात्मक रहा है. वे अमेरिका-भारत संबंधों को मजबूत करने और चीन के मुकाबले भारत की भूमिका को अहम बनाने के पक्षधर रहे हैं. उनका मानना है कि दोनों देशों को रक्षा और सुरक्षा सहयोग में और कदम आगे बढ़ाना चाहिए.
अमेरिका-भारत रणनीतिक संबंधों को मिलेगा बल
माइक वाल्ज की नियुक्ति से यह संकेत मिलता है कि अमेरिका हिंद और प्रशांत महासागार क्षेत्र में अपनी रणनीति के तहत, भारत को एक अहम साझेदार के रूप में देखेगा. उनकी नीति के अनुसार, चीन के बढ़ते प्रभाव के बीच भारत के साथ मजबूत रक्षा और सुरक्षा सहयोग की दिशा में कदम उठाए जाएंगे.
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सूजी विलेस और स्टीफन मिलर की भी महत्वपूर्ण नियुक्तियां
इससे पहले, ट्रंप ने सूजी विलेस को व्हाइट हाउस का चीफ ऑफ स्टाफ और स्टीफन मिलर को वरिष्ठ सलाहकार नियुक्त किया था. सूजी विलेस इस पद पर नियुक्त होने वाली पहली महिला हैं.