लखनऊ; सिविल सेवा (पीसीएस) ‘प्री’ और समीक्षा अधिकारी (RO), सहायक समीक्षा अधिकारी (ARO) की परीक्षा दो दिन कराने के निर्णय के खिलाफ छात्रों का विरोध जारी है. सोमवार की सुबह से हजारों छात्र UPPSC के गेट के सामने जुटकर धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं. यह धरना प्रदर्शन सोमवार की रात भर चला और आज मंगलवार को जारी है. छात्रों के विरोध प्रदर्शन का डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने संज्ञान लिया है. उन्होंने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया व्यक्त की है. मौर्य ने छात्रों से अपील की कि वे अपनी चिंताओं को शांतिपूर्वक और विधिपूर्वक उठाएं, उन्हें किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं होने दी जाएगी.
यूपी पीसीएस परीक्षा में एक से अधिक दिन की परीक्षा, निजी संस्थानों को केंद्र न बनाने और मानकीकरण प्रक्रिया को लेकर छात्रों की चिंताएं गंभीर और महत्वपूर्ण हैं। छात्रों की मांग है कि परीक्षाएं पूरी तरह निष्पक्ष और पारदर्शी हों, ताकि उनकी मेहनत का सम्मान हो और भविष्य सुरक्षित रहे।…
— Keshav Prasad Maurya (@kpmaurya1) November 12, 2024
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि यूपी पीसीएस परीक्षा में एक से अधिक दिन की परीक्षा, निजी संस्थानों को केंद्र न बनाने और मानकीकरण प्रक्रिया को लेकर छात्रों की चिंताएं गंभीर और महत्वपूर्ण हैं. छात्रों की मांग है कि परीक्षाएं पूरी तरह निष्पक्ष और पारदर्शी हों, ताकि उनकी मेहनत का सम्मान हो और भविष्य सुरक्षित रहे.
उन्होंने आगे लिखा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में, भाजपा सरकार ने 2017 से भर्ती माफियाओं के खिलाफ सख्त कदम उठाकर निष्पक्ष भर्ती प्रक्रिया की मिसाल पेश की है. लगभग 7 लाख युवाओं को नियुक्ति पत्र देकर सरकार ने अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति का परिचय दिया है. सभी सक्षम अधिकारी छात्रों की मांगों को संवेदनशीलता से सुनें और शीघ्र समाधान निकालें. यह सुनिश्चित करें कि छात्रों का कीमती समय आंदोलन में नहीं, बल्कि उनकी तैयारी में लगे. न्यायालय में लंबित मामलों का भी शीघ्र समाधान निकाला जाए ताकि किसी छात्र का भविष्य अंधकार में न रहे.
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छात्र क्यों कर रहे विरोध प्रदर्शन?
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) द्वारा परीक्षा नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया को लेकर छात्र विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. छात्रों का कहना है कि आयोग पिछले दो वर्षों से परीक्षाएं आयोजित करने में विफल रहा है, जिससे उनकी तैयारी और भविष्य प्रभावित हो रहा है. छात्रों का आरोप है कि आयोग ने इस वर्ष की शुरुआत (जनवरी 2024) में उत्तर प्रदेश सिविल सर्विसेज की परीक्षा का नोटिफिकेशन जारी किया था, जिसे मार्च माह में आयोजित किया जाना था. लेकिन इसे बाद में अक्टूबर तक टाल दिया गया.
इसके बाद, समीक्षा अधिकारी (RO) और सहायक समीक्षा अधिकारी (ARO) की परीक्षा 11 फरवरी को आयोजित की गई थी, लेकिन पेपर लीक होने के कारण उसे निरस्त कर दिया गया था. इन दोनों परीक्षाओं को फिर से अक्टूबर माह में आयोजित करने का प्रस्ताव था, लेकिन अचानक इनकी तिथियां बदलकर दिसंबर माह में कर दी गईं. साथ ही, आयोग ने दोनों परीक्षाओं को दो शिफ्टों में आयोजित करने की घोषणा की, जिससे छात्रों में भारी आक्रोश है. छात्र सवाल उठा रहे हैं कि जब आयोग समय पर परीक्षा आयोजित नहीं कर पा रहा है, तो इस तरह के बदलाव उनके लिए कठिनाई पैदा कर रहे हैं.