लखनऊ; कांग्रेस अध्यक्ष मल्ल्किार्जुन खड़गे के भगवा वस्त्र पर दिये गये बयान को लेकर विश्व हिन्दू परिषद व साधु संतों में रोष है. अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जितेन्द्रानन्द सरस्वती ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष का देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह व भगवावस्त्र धारी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बारे में दिया गया बयान बेहद घटिया है. यह लाखों वर्ष की हमारी परम्परा है. जहां तक राजनीति का प्रश्न है, धर्म को इससे अलग नहीं किया जा सकता.
बता दें कि कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्ल्किार्जुन खड़गे ने बीते दिनों बयान दिया, जिस पर उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के ऊपर निशान साधते हुए कहा कि गेरुआ वस्त्र वाले बांटने की बात करते हैं. साथ ही कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा की गेरुआ वस्त्र धारण करने से कोई योगी नहीं हो जाता है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नफरत फैलाने का काम कर रहे हैं.
इसी कड़ी में स्वामी जितेन्द्रानन्द सरस्वती ने कहा है कि राजसत्ता धर्मसत्ता के द्वारा ही संचालित होती रही है. जब मल्लिकार्जुन घुटने के बल चलना सीख रहे थे. तब उस समय गोरक्षपीठ के महंत दिग्विजय नाथ सांसद हुआ करते थे. आज तीसरी पीढ़ी हम लोगों की राजनीति में है. राजनीति हम लोगों को मत सिखाइए. कांग्रेस का सनातन विरोध जगजाहिर है. कांग्रेस का नाम आल इण्डिया कांग्रेस कमेटी नहीं आल इण्डिया चर्च कमेटी है. इसलिए आल इण्डिया चर्च कमेटी हिन्दुत्व पर प्रहार करना बंद करे अन्यथा कड़ा प्रतिवाद किया जायेगा.
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जगद्गुरू जीयर स्वामी करपात्री जी महाराज ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष के नाम में खड़गे लगा है. खड़ग का अर्थ होता है तलवार, काटने का काम तलवार करती है. संतों में योगी है. योगी शब्द योग से बना है, योग जोड़ने का काम करता है. काटने का काम खड़ग करती है. कांग्रेस ने संत समाज पर हमला किया है, जब तक संत को राष्ट्र की चिंता नहीं होगी तब तक कुछ होने वाला नहीं है. रामचरितमानस में लिखा है ‘गाधितनय मन चिंता व्यापी, हरि बिन मरहि न निसिचर पापी’.