रियाद: सऊदी अरब में एक हैरान कर देने वाली घटना घटी है. आमतौर पर अपनी शुष्क जलवायु और रेगिस्तान के लिए दुनिया भर में फेमस सऊदी अरब के अल-जौफ क्षेत्र में इतिहास में पहली बार भारी बर्फबारी देखने को मिली है. यह घटना चौंकाने वाली है, क्योंकि सऊदी अरब का मौसम हमेशा गर्म और शुष्क रहता है. लेकिन पहली बार बर्फबारी देखकर वहां के लोग अचंभित हैं.
🔴 تاریخ میں پہلی بار سعودی عرب کے شمالی علاقوں میں برف باری ہوئی ہے۔ pic.twitter.com/QEQdkjkvuZ
— RTEUrdu (@RTEUrdu) November 3, 2024
सऊदी प्रेस मीडिया के अनुसार, यह आश्चर्यजनक बर्फबारी भारी बारिश और ओलावृष्टि की श्रृंखला के बाद हुई. जिसने क्षेत्र के पर्यावरण का एक नया स्वरूप देखने को मिला है. सऊदी के अल-जौफ प्रांत के लोग जब सुबह उठे, तो उन्होंने सफेद बर्फ का आश्चर्यजनक दृश्य देखा. कहा जा रहा है कि बर्फबारी ने झरनों का निर्माण किया, घाटियों को पुनर्जीवित किया और पूरे क्षेत्र को एक नए स्वरूप में विकसित कर दिया है. बर्फबारी का यह दृश्य सऊदी में वसंत ऋतु की शुरुआत का प्रतीक माना जा रहा है. क्योंकि सऊदी अरब अब सर्दियों की ओर बढ़ रहा है.
जलवायु परिवर्तन का प्रतीक है बर्फबारी
सर्दी के मौसम में हुए इस बदलाव ने यह साबित कर दिया कि सऊदी अरब में जलवायु परिवर्तन का असर दिखाई दे रहा है. बर्फबारी ने न केवल स्थानीय लोगों को चौंकाया बल्कि पर्यटकों को भी एक दुर्लभ शीतकालीन परिदृश्य का अनुभव करा रहा है. अल-जौफ क्षेत्र, जो अपनी गर्म जलवायु के लिए जाना जाता था, अब सर्दियों के मौसम में एक सुंदर शीतकालीन वंडरलैंड बन चुका है. यह परिवर्तन न केवल जलवायु में बदलाव को दर्शाता है, बल्कि यह मध्य-पूर्व क्षेत्र में जलवायु पैटर्न में हो रहे बड़े बदलावों का भी संकेत है.
मौसम विभाग ने जारी की चेतावनी
सऊदी मौसम विभाग ने अल-जौफ और अन्य इलाकों में आने वाले दिनों में खराब मौसम की चेतावनी जारी की है. मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, क्षेत्र में भारी बारिश और ओलावृष्टि की संभावना है, जिससे दृश्यता कम हो सकती है. साथ ही, तेज हवाओं के चलने का भी अनुमान है. मौसम विभाग ने स्थानीय अधिकारियों और निवासियों से सावधानी बरतने की अपील की है.
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मध्य-पूर्व में बढ़ते जलवायु परिवर्तन के संकेत
सऊदी अरब में बर्फबारी की यह घटना अकेली नहीं है, क्योंकि संयुक्त अरब अमीरात (UAE) भी इसी तरह के असामान्य मौसम से गुजर चुका है. अक्टूबर के मध्य में, UAE ने भी मौसम में बदलाव के कारण वर्षा, तूफान और ओलावृष्टि की चेतावनी जारी की थी. इन बदलावों को अरब सागर से ओमान की ओर फैली कम दबाव प्रणालियों के कारण जिम्मेदार ठहराया गया था.