प्रयागराज; सनातन धर्म के सबसे बड़े आयोजन महाकुंभ मेले की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं. गंगा, यमुना और सरस्वती के मिलन वाले पावन स्थल संगम पर, लाखों-करोड़ाें लोग स्नान कर अपनी श्रद्धा प्रकट करेंगे. वहीं प्रयागराज के पौराणिक मंदिरों में भक्त अपना शीश नवाकर अपनी यात्रा को सुखमय और सम्पूर्ण बनाएंगे. इसी बात को ध्यान में रखते हुए योगी सरकार ने महाकुंभ की तैयारियों के साथ-साथ प्रयागराज के मंदिरों के कायाकल्प का भी बीड़ा उठाया है.
बात दें कि इस बार का महाकुंभ मेला बहुत दिव्य और भव्य होगा. महाकुंभ मेले में लगभग 10 से 15 करोड़ लोगों के आने की संभावना है. जिसको लेकर योगी सरकार तमाम तरह की व्यवस्थाएं करने में जुटी हुई है. पौराणिक महत्त्व वाले प्रयागराज के तमाम मंदिरों के कॉरिडोर और जीर्णोद्धार का कार्य लगभग पूर्ण होने वाला है. कुल 19 परियोजनाओं में से 17 परियोजनाएं 15 नवम्बर तक पूर्ण कर ली जाएंगी. जबकि 2 परियोजनाएं 30 नवम्बर तक पूर्ण हो जाएंगी.
हाल ही में लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत द्वारा महाकुंभ की समीक्षा बैठक में इसको लेकर निर्देश दिए गए हैं. इसमें बताया गया कि मंदिरों के कॉरिडोर और जीर्णोद्धार से सम्बंधित परियोजनाओं में तीन प्रमुख विभाग कार्य कर रहे हैं. इसमें पर्यटन विभाग, स्मार्ट सिटी और प्रयागराज विकास प्राधिकरण की महत्वपूर्ण भूमिका है. ये तीनों विभाग आपसी समन्वय से इन सभी परियोजनाओं को तेज गति से पूरा करने में लगे हुए हैं.
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अपर मेलाधिकारी, महाकुम्भ विवेक चतुर्वेदी ने बताया कि महाकुम्भ की तैयारियां पूरी गति से आगे बढ़ रही हैं. मंदिरों के कॉरिडोर और जीर्णोद्धार का कार्य भी अंतिम चरण में चल रहा है. मेला प्रशासन ने महाकुम्भ में आने वाले सभी श्रद्धालुओं और पर्यटकों की आस्था के साथ-साथ उनकी सुविधा का भी विशेष ध्यान दिया गया है.