नई दिल्ली; भारतीय सेना ने आज शुक्रवार को डेमचोक में गश्त फिर से शुरू कर दी. यह गश्त पूर्वी लद्दाख के टकराव वाले क्षेत्र से भारतीय और चीनी सैनिकों के पूरी तरह पीछे हटने के कुछ ही दिनों बाद शुरु की गई है. इस कदम को भारत-चीन संबंधों में स्थिरता की ओर एक सकारात्मक संकेत माना जा रहा है.
सूत्रों के अनुसार, डेमचोक में गश्त शुरू हो चुकी है, जबकि देपसांग में भी शीघ्र भारतीय सेना की गश्त बहाल होने की प्रबल संभावना है. यह कदम तब आया है, जब दोनों देशों (भारत और चीन) के बीच समझौते के तहत तनावपूर्ण वाले बिंदुओं से पीछे हटने की प्रक्रिया पूरी की है. इस समझौते का उद्देश्य अप्रैल 2020 से पहले की स्थिति को बहाल करना है, जब लद्दाख के विभिन्न क्षेत्रों में गतिरोध बढ़ गया था.
गश्त के एक दिन पहले, दिवाली के अवसर पर वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर अलग-अलग सीमा बिंदुओं पर भारतीय और चीनी सैनिकों ने एक दूसरे को मिठाई खिलाई थी. इस पहल को दोनों देशों के बीच सामंजस्यपूर्ण संबंध की नई क्रांति के रूप में देखा जा रहा है. इस पारंपरिक आदान-प्रदान से सीमा पर सौहार्द और मित्रता का वातावरण बना रहा.
जून 2020 में गलवान घाटी में हुई दोनों देशों के सैनिकों के बीच झड़प के बाद, भारत-चीन संबंधों में तनाव अपने चरम पर पहुंच गया था. पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर गतिरोध बना रहा. लेकिन, विदेश सचिव विक्रम मिस्री के अनुसार, हालिया बातचीत के परिणामस्वरूप दोनों देशों ने इस गतिरोध को समाप्त करने के लिए महत्वपूर्ण समझौते पर सहमति जताई है. यह समझौता 2020 में उत्पन्न मुद्दों के समाधान की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है.
सेना के सूत्रों के अनुसार, गश्त की बहाली के लिए स्थानीय स्तर पर कमांडरों के बीच बातचीत जारी रहेगी. भारतीय सेना अप्रैल 2020 से पहले के गश्त वाले क्षेत्रों और स्तर को पुनर्स्थापित करने का प्रयास करेगी. इसके तहत सत्यापन प्रक्रिया चल रही है और गश्त के तौर-तरीकों पर फैसले किए जा रहे हैं.