लखनऊ- देशभर में दिवाली का त्योहार लगातार 5 दिनों तक मनाया जाता है. इस त्योहार की शुरुआत धनतेरस से होती है. धनतेरस के अगले दिन छोटी दिवाली, फिर बड़ी दिवाली, फिर जमघट और उसके बाद भाईदूज का दिन होता है. वहीं, छोटी दिवाली को हम लोग अलग-अलग नामों से भी जानते हैं, जैसे नरक चतुर्दशी, यम चतुर्दशी या फिर नरका चौदस.
हिन्दू पंचांग के अनुसार, हर वर्ष कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी तिथि को नरक चतुर्दशी और रूप चतुर्दशी मनाई जाती है. इस बार चतुर्दशी आज यानि बुधवार को मनाई जा रही है. यह तिथि आज दोपहर 1:05 बजे से शुरू होकर कल यानि 31 अक्टूबर को दोपहर 3:52 बजे तक रहेगी. नरक चतुर्दशी को यमराज की पूजा करने का विधान है. इतना ही नहीं, इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर तेल या उबटन से मालिश करवाकर तब स्नान करना चाहिए और फिर नरक चतुर्दशी की रात को घर के बाहर चौमुखी दीप जलाना चाहिए.
मान्यता अनुसार, प्रभु श्रीकृष्ण ने नरकासुर को इस दिन मारकर मुक्ति दिलाई थी. इसी खुशी में यह उत्सव मनाया जाता है और इस दिन को छोटी दिवाली या फिर नरक चतुर्दशी के नाम से जाना जाता है. वहीं, दूसरी मान्यता ये भी है कि राजा बली को भगवान विष्णु ने हर वर्ष इन 3 दिनों का राजा बनाने की व्यवस्था की है. ऐसा कहा जाता है, बली के राज्य में दीप मालाओं के साथ पूजा करने से स्थायी लक्ष्मी की प्राप्ति होती है.
दिवाली की किस दिन मनाना होगा शुभ
दिवाली का त्योहार 31 अक्टूबर को मनायें या फिर 1 नवंबर को, लोगों के मन में इस बात को लेकर कहीं न कहीं अभी भी भ्रम बना हुआ है. लेकिन शस्त्रों के अनुसार, 31 अक्टूबर को दिवाली मनाना शुभ होगा. 31 अक्टूबर को सूर्यास्त के डेढ़ घंटे के बाद से पूजा का शुभ मुहूर्त है. वैसे तो सूर्यास्त के बाद पूरी रात ही पूजा करना शुभ होगा लेकिन विशेष पूजा का समय शाम को 6:48 बजे से लेकर 8:18 बजे तक होगा. इसलिए दिवाली 1 नवंबर को न मनाकर 31 अक्टूबर को मनाइए, इस दिन ही पूजा का शुभ मुहूर्त है.
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