अयोध्या- प्रभु श्रीराम की नगरी त्रेता युग की तरह आकार लेती दिखाई दे रही है. हो भी क्यों न.. बालक रामलला की आखिर पहली दिवाली जो हैं. पूरा देश उसी तरह से खुश है, जिस तरह जब भगवान श्रीराम लंका विजय कर 14 वर्षों के बाद अयोध्या वापस लौटे थे. इस बार बालक श्रीराम की दिवाली बेहद ही खास और अलग होंगी. 500 सालों के बाद अपने भव्य महल में विराजे श्री रामलला के उल्लास में पूरी नगरी अयोध्या आज से अगले 3 दिनों तक खूब जगमगाएगी. बालक श्रीराम लला की पहली दिवाली देखने के लिए पूरा भारत उमड़ेगा.
राम मंदिर ट्रस्ट की तैयारियां
राम मंदिर ट्रस्ट इस विशेष दिवाली के आयोजन की भव्य तैयारियों में पूरे तरह से जुटा हुआ है. इस बार राम मंदिर को रंग-बिरंगी लाइटों और फूलों के साथ भव्य रूप से सजाया जा रहा है. अगले 3 दिनों तक पूरे परिसर में लाखों दीप जलाएं जाएंगे. जिससे यहां का नजारा बेहद ही खास और देखने लायक होगा. इसके साथ लेजर शो, प्रोजेक्शन मैपिंग व आतिशबाजी भी दीपोत्सव की भव्यता को बढ़ाएगी.
दीपोत्सव की तैयारियां
इस विशेष दिवाली की खुशी में अबकी बार राम की पौड़ी पर 25 लाख दीप जलाकर नया कीर्तिमान स्थापित किया जाएगा. प्रभु श्रीराम के विराजमान होने के बाद इस साल की दिवाली ऐतिहासिक होने वाली हैं. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य, डॉ. अनिल मिश्रा ने बताया कि प्राण-प्रतिष्ठा के बाद से अयोध्या में हर रोज उल्लासपूर्वक दिवाली मनाई जा रही है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में दीपोत्सव की शुरुआत की, जिसके बाद अयोध्या को वैश्विक स्तर पर एक पहचान मिली है. ये नगरी अब आध्यात्मिकता और उत्सवों की नगरी बन गई है. साथ ही इस बार की दिवाली को विशेष रूप से भव्य तरीके से मनाने की तैयारियां की जा रही हैं. वहीं, राम मंदिर में जाने वाले सभी रास्ते पर तोरण द्वार बनाए जा रहे हैं. यह सजावट आने वाले सभी श्रद्धालुओं के लिए एक अलग तरह की प्रस्तुति देगी. जिससे नगरी का नजारा अलौकिक होगा.
विदेश कलाकार होंगे शामिल
अयोध्या नगरी के रामकथा पार्क में बने मंच पर आधुनिक तकनीकी के आधार पर प्रदर्शनी का आयोजन किया जाएगा. इसके अलावा नगरी के अन्य स्थानों जैसे रामघाट, नयाघाट, बड़ी देवकाली, गुप्तारघाट, बिड़ला धर्मशाला, भरतकुंड, तुलसीउद्यान, हनुमानगढ़ी पर कुल 9 मंच बनाए गए हैं. इन सभी मंचों पर देश से आए करीब 900 लोक कलाकार अपनी प्रस्तुतियां देंगे. इसके अलावा नेपाल, श्रीलंका, लाओस, त्रिनिडाड समेत 6 देशों के रामलीला कलाकार शाम के 5 बजे से रात के 9 बजे तक राम की पौड़ी और राम कथा पार्क में बने मंच पर रामलीला समेत अन्य प्रस्तुतियां देंगे.
लाइटों और फूलों से सजी नगरी
इस विशेष दिवाली के अवसर पर रामजन्म भूमि परिसर को अलग-अलग तरह की लाइटों और रंगोलियों से सजाया जा रहा है. खास बात यह है कि इस बार 50 क्विंटल फूलों के साथ प्रभु श्रीराम के दरबार को सजाया जा रहा है. ट्रस्ट के द्वारा नगरी के आसपास के क्षेत्रों में 1 लाख दीप जलाकर सजावट की जाएगी. वहीं, फूलों से सजे तोरण द्वार श्रद्धालुओं का स्वागत करंगे, साथ ही पूरे मंदिर परिसर में बनी रंगोली नगरी को एक नया आकर्षक रूप देगी.
नगरी के संत हैं बेहद खुश
जगद्गुरु स्वामी रामदिनेशाचार्य ने इस विशेष दिवाली के अवसर पर कहा, यह दिवाली बालक प्रभु श्रीराम लला की पहली दिवाली है. साथ ही उन्होंने कहा-पुरी सोहई यहि भांति, प्रभुहि मिलन आई जिमि रातीं. ये दृश्य बेहद ही खुशनुमा और सजीव होता दिख रहा है. देश और नगरी का हर घर भगवान के स्वागत में जुटा हुआ है.
इसके साथ ही महंत विवेक आचारी जी ने कहा, प्रभु श्रीराम की नगरी को त्रेता युग जैसे प्रसंग की तरह दोहराया जा रहा है. पूरी नगरी फूलों, दीपों और तरह-तरह की लाइटों से सुशोभित है. इस बार की दिवाली में वर्षों के बाद भगवान के विराजमान होने और मंदिर निर्माण का उल्लास है.
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