लखनऊ; यूपी उप चुनाव को देखते हुए प्रदेश में सियासत अपने चरम पर है. बीते कल यानी शुक्रवार 25 अक्टूबर को नामांकन का आखिरी दिन था. सपा, बसपा और भाजपा द्वारा घोषित सभी प्रत्याशियों ने अपना पर्चा दाखिल कर दिया है. लेकिन प्रयागराज की फूलपुर सीट पर विपक्षी गठबंधन के बीच गतिरोध देखने को मिल रहा है. यहां से कांग्रेस जिला अध्यक्ष (गंगापार) सुरेश यादव ने बगावत कर अपना पर्चा दाखिल कर दिया. जिसके बाद कांग्रेस पार्टी ने उन्हें अनुशासनहीनता के मामले में जिलाध्यक्ष के पद से मुक्त कर दिया है.
यूपी कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने पत्र जारी कर प्रयागराज जिला अध्यक्ष (गंगापार) सुरेश यादव को पदमुक्त करने की घोषणा की है. उन्होंने सुरेश यादव को संबोधित पत्र में लिखा का है कि पार्टी नेतृत्व के निर्णय के विरूद्ध फूलपुर विधानसभा उपचुनाव में इंडिया गठबन्धन प्रत्याशी के विरोध में आप द्वारा नामांकन पत्र दाखिल किया गया है. जिसके चलते आपको जिला कांग्रेस कमेटी प्रयागराज (गंगापार) के पद से तत्काल प्रभाव से पदमुक्त किया जाता है.
उल्लेखनीय है कि इस सीट से सपा ने मुर्तजा सिद्दिकी को उम्मीदवार बनाया है. उन्होंने अपना पर्चा भी दाखिल कर दिया. मुर्तजा सिद्दिकी के नामांकन करने के बाद कांग्रेस नेता सुरेश यादव ने भी अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था. इस दौरान उन्होंने कहा था कि फूलपुर कांग्रेस की परंपरागत सीट है. यहां से कांग्रेस के प्रत्याशी को ही चुनाव लड़ना चाहिए.
सपा से फूलपुर सीट मांग रह थी कांग्रेस
कांग्रेस पार्टी यूपी में 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उप चुनाव को देखते हुए सपा से 5 सीटें मांग रही थी. जिसमें से कांग्रेस की प्राथमिकता फूलपुर सीट थी. क्योंकि एक जमाने में यह सीट कांग्रेस का गढ़ रही है. फूलपुर लोकसभा क्षेत्र से देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू कई बार सांसद चुने गए. नेहरू के बाद उनकी बहन विजया लक्ष्मी पंडित भी इस सीट से सांसद रहीं. हालंकि, सपा ने कांग्रेस को सिर्फ 2 सीटें ही दी थीं. सम्मानजनक सीटें न मिलने के चलते कांग्रेस इस उप चुनाव से बैक हो चुकी है.