लखनऊ- अगले हफ्ते हम सब दिवाली का त्योहार मनाएंगे लेकिन दिवाली की तारीख को लेकर लोगों के मन में अभी भी असमंजस की स्थिति है. कोई कह रहा है दिवाली 31 अक्टूबर को है, तो कोई कह रहा है 1 नवंबर को दिवाली की पूजा की जाएगी. ऐसे में ये कैसे पता किया जाए पूजा के लिए सही तिथि कौन सी है? दरअसल, इस बार कार्तिक अमावस्या दो दिन पड़ रही है. इसलिए लोगों के मन में दिवाली की पूजा को लेकर भ्रम बना हुआ है. लेकिन कई महंतों ने एक साथ बैठक करके इस बात का निर्णय लिया है. महंतों के अनुसार, दिवाली की पूजा 31 अक्टूबर को की जाएगी.
वहीं, कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) की वैदिक एवं आध्यात्मिक कमिटी के राष्ट्रीय संयोजक और उज्जैन के वेद मर्मज्ञ आचार्य दुर्गेश तारे ने कहा कि दिवाली 31 अक्टूबर 2024 को ही मनाना उत्तम है. क्योंकि ये रात्रि का महापर्व है और इस बार अमावस्या तिथि गुरुवार 31 अक्टूबर को दिन में 3:40 बजे से प्रारंभ हो रही है. हिन्दू मान्यता के अनुसार दिवाली प्रदोष काल और उत्तम तिथि के साथ महारात्रि में मनानी चाहिए. इसी तरह से देश के अलग स्थानों मथुरा, द्वारिका, काशी और उज्जैन के विद्वानों ने रात्रि अमावस्या होने के कारण 31 अक्तूबर को दिवाली मनाए जाने का निर्णय लिया है. महंतों ने सभी देशवासियों से 31 अक्टूबर को दिवाली का त्योहार मनाने को कहा क्योंकि एक दिन, एक तिथि पर दीपोत्सव का त्योहार मनाने से सनातन एकता मजबूत होगी.
इसके साथ ही कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स और सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को एक पत्र लिखा. उन्होंने ने पत्र लिखते हुए उनसे आग्रह किया कि दिवाली की सरकारी छुट्टी 31 अक्टूबर को घोषित कर दी जाए. ऐसे में लोगों के अंदर जो भ्रम है वो दूर हो जाएगा. कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने देशभर के व्यापारिक संस्थाओं को भी पत्र लिखकर 31 अक्टूबर को ही दिवाली मनाने का सुझाव दिया है.
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