जल मार्ग से दुनिया की सबसे बड़ी इस्लामिक कंट्री इंडोनेशिया पहुंचे 140 रोहिंग्या मुस्लिमों को वहां के लोगों ने तट पर उतरने तक नहीं दिया. इंडोनेशिया को लोगों ने कहा कि रोहिंग्या मुस्लिम जहां गए…वहां अशांति फैली और हिंसा हुई. इसलिए इन लोगों को हम अपने देश में शरण नहीं दे सकते.
इंडोनेशिया में मछुआरा समुदाय के नेता मोहम्मद जबल ने कहा कि बंदरगाह से मछुआरों और स्थानीय लोगों ने यह करते हुए रोहिंग्या मुस्लिमों को वापस लौट दिया कि हम यह नहीं चाहते अन्य देशों में जो हुआ वह हमारे वहां भी हो. लोगों ने उन्हें नाव से उतरने तक नहीं दिया.
नाव पर सवार होकर 140 रोहिंग्या पहुंचे थे इंडोनेशिया
बांग्लादेश के दक्षिण आचे जिले के लाबुहान हाजी तट से करीब 14 दिनों पहले लकड़ी की नाव पर सवार होकर रोहिंग्या मुस्लिम इंडोनेशिया की ओर रवाना हुए थे. जिसमें से करीब 140 रोहिंग्या मुस्लिम इंडोनेशिया के उत्तरी प्रांत आचे तट पर उतरने का प्रयास कर रहे थे. तभी वहां के मछुआरों व स्थानीय लोगों ने उनका विरोध किया और अपने देश में उतरे नहीं दिया. इस दौरान बंदगाह पर एक बैनर भी लगाया गया था, जिस पर लिखा था ‘दक्षिण आचे क्षेत्र के लोग रोहिंग्या शरणार्थियों को अस्वीकार करते हैं.’
इंडोनेशिया के आचे प्रांत की पुलिस ने क्या कहा?
इस मामले पर जानकारी देते हुए आचे पुलिस ने कहा कि बीते 9 अक्टूबर को रोहिंग्या मुस्लिमों को बैठाकर नाव
बांग्लादेश से रवाना हुई थी, तब इसमें 216 लोग सवार होकर निकले थे. लेकिन इसमें से 50 लोग इंडोनेशिया के रियाउ प्रांत में उतर गए. आचे पुलिस ने 3 लोगों को गिरफ्तार भी किया है. इन पर मानव तस्करी का आरोप है.
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इंडोनेशिया शरणार्थी को शरण देने के लिए बाध्य नहीं
1951 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा आयोजित शरणार्थी सम्मेलन में थाईलैंड, मलेशिया की तरह इंडोनेशिया ने भी शरणार्थी को शरण देने वाले सहमति पत्र पर हस्ताक्षर नहीं किया था. इसलिए इंडोनेशिया किसी भी देश के शरणार्थियों के अपने देश में शरण देने के लिए बाध्य नहीं है. यही कारण है कि वहां के लोगों ने रोहिंग्या मुस्लिमों के खाने-पीने का सामान देकर बंदरगाह से रवाना कर दिया.