लखनऊ; यूपी में योगी सरकार बनने के 7 वर्षों में 210 अपराधी मारे गए हैं. जबकि 12 हजार से अधिक घायल हुए हैं. इसको लेकर विपक्ष लगातार योगी सरकार पर सवाल उठा रहा है. हाल ही में हुए सुल्तानपुर डकैती कांड के आरोपी मंगेश यादव के एनकाउंट पर खूब सियासत हुई थी. हालांकि अब यूपी पुलिस को डीजीपी कार्यालय द्वारा एनकाउंटर को लेकर जरूरी दिशा निर्देश जारी किए गए हैं.
इन नए निर्देशों के तहत अब पुलिस को उस स्थान का वीडियो बनाना होगा, जहां अपराधी की मौत या वह घायल हुआ है. साथ ही मुठभेड़ में मारे गए अपराधी का पोस्टमार्टम एक पैनल की निगरानी में होगा, जिसमें 2 डॉक्टर शामिल होंगे. जिसकी बाकायदा वीडियोग्राफी भी कराई जाएगी. मुठभेड़ के बाद फॉरेंसिक टीम घटनास्थल पर पहुंचकर निरीक्षण करेगी.
डीजीपी प्रशांत कुमार ने बताया कि जिस थाना क्षेत्र में पुलिस की अपराधी के साथ मुठभेड़ हुई होगी, उसकी जांच उक्त थाना क्षेत्र की पुलिस नहीं करेगी. यह जांच किसी दूसरे थाना क्षेत्र की क्राइम ब्रांच को दी जाएगी. साथ ही अगर एनकाउंटर में किसी अपराधी की मौत होती है या वह घायल होता है तो इस दशा में उसके परिजनों को तत्काल जानकारी दी जाएगी.
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उल्लेखनीय है कि यूपी पुलिस ने यह निर्णय तब लिया है, जब विपक्षी दलों द्वारा एनकाउंटरों पर सवाल उठाए जा रहे हैं. अभी हाल ही में सुल्तानपुर लूटकांड के आरोपी मंगेश यादव के एनकाउंटर पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए थे. उन्होंने कहा था कि यूपी में जाति और धर्म देखकर एनकाउंटर किए जा रहे हैं. जिसके बाद डीजीपी प्रशांत कुमार ने स्पष्टीकरण भी दिया था.