इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय में 500 वर्ष प्राचीन सोने व अन्य धातुओं के सिक्के मिले हैं. जिसको लेकर चर्चा का माहौल है. यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव के प्रयासों के बाद, लाइब्रेरी हॉल में रखी तिजोरी को काफी मशक्कत के बाद खोला गया. जिसमें से कई सोने व अन्य धातुओं के सिक्कों के साथ-साथ ताम्रपत्र बरामद हुए हैं. सिक्कों पर जहां पर्शियन भाषा में कुछ लेख लिखा है, वहीं ताम्रपत्र पर पाली भाषा में बौद्ध ग्रंथ के विनयपिटक के कुछ अंशों को अंकित किया गया है.
विश्वविद्यालय प्रशासन इन बेशकीमती और ऐतिहासिक वस्तुओं को यूनिवर्सिटी के म्यूजियम में रखने की तैयारी कर रहा है. जिस पर छात्र शोध करेंगे. यूनिवर्सिटी की पीआरओ प्रोफेसर जया कपूर ने मामले पर मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि तिजोरी के लॉकर को खोलने के लिए इलेक्ट्रॉनिक आरी और ड्रिल मशीन का प्रयोग किया गया. दो दिनों की मेहनत के बाद तिजोरी को खोला जा सका. जिसमें से करीब 500 सिक्के बरामद हुए हैं.
प्रोफेसर जया कपूर ने बताया कि सिक्कों का वजन करीब 7.34 ग्राम है और व्यास 21 MM है. सिक्कों का आकार गोल है. प्रोफेसर जया कपूर ने बताया कि यह सिक्के जम्मू कश्मीर के आदिवासी समुदाय किडाइट्स किंगडम के काल के हैं. जिन पर एक राजा के चित्र को दर्शाया गया है जो वेदी पर बलि दे रहा है. यह सिक्के कश्मीर से यहां यहां तक कैसे पहुंचे, यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है.
बरामद हुआ शाही फरमान
सिक्कों के साथ-साथ तिजोरी से पर्शियन भाषा में लिखित एक शाही फरमान भी मिला है. हालांकि इस फरमान में क्या लिखा है, इसको अभी पढ़ा नहीं जा सका है. इसे पढ़ाने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन एक्सपर्ट की मदद लेगा. जिसको लेकर तैयारियां तेज कर दी गई हैं.
1998 में सफाई के दौरान मिली थीं कीमती वस्तुएं
यह बेशकीमती वस्तुएं विश्वविद्यालय तक कैसे पहुंचीं, यह अभी तक स्पष्ट नहीं है. लेकिन 1998 में उस समय के वीसी को सफाई के दौरान यह चीजे मिली थीं. जिसे उन्होंने लाइब्रेरी हॉल स्थित एक तिजोरी में रखा दिया था. यह तिजोरी तीन चाबियों को एक साथ लगाने पर खुलती है. तीन चाबियों में एक चाबी वीसी, दूसरी लाइब्रेरियन वहीं तीसरी चाबी रजिस्ट्रार के पास रहती है. हालांकि वर्तमान समय में तिजोरी की सिर्फ एक ही चाबी मौजूद है. जिसके चलते तिजोरी को इलेक्ट्रॉनिक आरी और ड्रिल मशीन से काटना पड़ा.
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वीसी प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव ने खुलवाई तिजोरी
इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय की वर्तमान कुलपति प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव को जब तिजोरी के बारे में जानकारी हुई तो उन्होंने चाबियों को ढूंढने का प्रयास किया. लेकिन सिर्फ एक ही चाबी मिल पाई. जिसके बाद एक कमेटी की निगरानी में उन्होंने तिजोरी को तुड़वाया. जिसके बाद उस तिजोरी से यह कीमती वस्तुएं निकलीं. अब चीजों के पुरातात्विक महत्व को देखते हुए संग्राहालय के लॉकर में रखवाया जाएगा, जिस पर छात्र शोध करेंगे.