चंडीगढ़; नायब सिंह सैनी आज गुरुवार को लगातार दूसरी बार हरियाणा सीएम पद की जिम्मेदारी संभाली. लेकिन उनके सीएम बनने के पीछे की कहानी बहुत लंबी और संघर्षमय है. आज से करीह 30 वर्ष पहले नायब सिंह सैनी ने संघ कार्यालय में बतौर कंप्यूटर ऑपरेटर कार्य करना प्रारंभ किया था. वह संघ की शाखाओं की पूरी डिटेल फीड करते थे.
नायब सिंह सैनी के सामाजिक जीवन की शुरुआत होती है आज से करीब 30 साल पहले से. मनोहर लाल खट्टर ने हरियाणा में बतौर आरएसएस के प्रांत प्रचारक की जिम्मेदारी संभाली. उन्होंने ने ही नायब सिंह सैनी को संघ कार्यालय में रहने की जगह दी. खट्टर जहां कहीं भी जाते, नायब सैनी भी उनके साथ जाते. संगठन के कार्य से जब भी कभी नरेंद्र मोदी हरियाणा पहुंचते तो नायब सिंह सैनी उनके रहने और खाने का पूरा इंतजाम करते. साथ ही वह नायब सैनी के कमरे में ही रुकते थे. समय ने करवट बदली तो मनोहर लाल संघ से भाजपा में सक्रिय हुए, तो नायब सैनी को भी उन्होंने अपने साथ संगठन के कार्यों में लगा लिया.
नायब सिंह सैनी का जन्म और राजनीतिक जीवन
नायब सिंह सैनी का जन्म 25 जनवरी 1970 को अंबाला के मिर्जापुर-माजरा गांव के एक ओबीसी परिवार में हुआ था. उन्होंने बिहार के बीआर अंबेडकर विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन किया. इसके बाद मेरठ के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री ली. वर्ष 1996 में वे भारतीय जनता पार्टी के सक्रिय सदस्य के तौर पर मनोहर लाल खट्टर के साथ जुड़े. वर्ष 2002 में सैनी को अंबाला भाजपा युवा मोर्चा का महासचिव बनाया गया. तीन साल बाद वर्ष 2005 में वे युवा मोर्चा के अध्यक्ष बने. हालांकि तब तक सैनी संगठन के भीतर अच्छा काम कर रहे थे, लेकिन जनता के बीच उन्हें कम ही लोग जानते थे.
सैनी राजनीतिक करियर में बड़ा मोड़ अंबाला शुगर मिल के गन्ना आंदोलन के दौरान आया. गन्ना भुगतान के लिए हुए आंदोलन में सैनी ने अहम भूमिका निभाई. किसानों के बीच उनकी अच्छी पैठ देखते हुए भाजपा ने उन्हें किसान मोर्चा का प्रदेश महासचिव नियुक्त किया. बाद में वे मोर्चा के अध्यक्ष भी बने.
वर्ष 2009 के विधानसभा चुनाव में सैनी को नारायणगढ़ विधानसभा सीट से टिकट मिला। टिकट दिलाने में सैनी के राजनीतिक गुरु मनोहर लाल खट्टर ने अहम भूमिका निभाई थी. उनका सीधा मुकाबला गुज्जर नेता चौधरी लाल सिंह के बेटे राम किशन से था. सैनी बुरी तरह चुनाव हार गए थे और 5वें स्थान पर रहे थे.
नारायणगढ़ में करारी हार के बाद भी पार्टी ने सैनी पर भरोसा जताया. वर्ष 2012 में भाजपा ने उन्हें अंबाला का जिला अध्यक्ष बना दिया. वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव में नायब सिंह सैनी को फिर नारायणगढ़ से टिकट दिया गया. इस बार वह जीतकर विधानसभा पहुंच गए. नायब सिंह सैनी को मनोहर लाल खट्टर के करीबी होने का भी फायदा मिला. वर्ष 2016 में उन्हें खट्टर के नेतृत्व वाली हरियाणा सरकार में राज्य मंत्री बनाया गया. वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में नायब सिंह सैनी को कुरुक्षेत्र से टिकट दिया गया और वह सांसद बन गए. 27 अक्टूबर 2023 को उन्हें हरियाणा भाजपा का अध्यक्ष बनाया गया.
हरियाणा में भाजपा हाईकमान ने नेतृत्व परिवर्तन करते हुए 12 मार्च 2024 को हरियाणा का मुख्यमंत्री बनाया. इस पद पर 6 माह रहे और उसके बाद आज फिर गुरुवार 17 अक्टूबर से मुख्यमंत्री पद की बागडोर संभाली.
इनपुट- हिन्दुस्थान समाचार