लखनऊ; महाराष्ट्र में कांग्रेस के साथ गठबंधन की सीटों पर बातचीत कर रही समाजवादी पार्टी की बात कांग्रेस पार्टी से नहीं बन पा रही है. इसका कारण यह माना जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में उपचुनाव की दस सीटों पर समाजवादी पार्टी ने होशियारी दिखाते हुए अपने छह प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है. दोनों राजनीतिक पार्टियों के प्रमुख नेताओं के बीच तीन बार वार्ता हो चुकी हैं.
बात दें कि उत्तर प्रदेश में उप चुनाव 13 नवंबर को होने को हैं. ऐसे मे कांग्रेस पार्टी व समाजवादी पार्टी की आपस में प्रत्याशियों की सीट के बटवारे को लेकर मतभेद हो गया है. दोनों पार्टियों के प्रमुख नेताओं के बीच तीन बार वार्ता हो चुकी हैं, लेकिन बात फिर भी नहीं बन पा रही है. कांग्रेस और सपा के बीच वार्ता के दौरान ही महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने उम्मीदवार उतारने का फैसला ले लिया है.
पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव की 18 अक्टूबर को महाराष्ट्र के मालेगांव और उसके अगले दिन 19 अक्टूबर को धुले विधानसभा क्षेत्र में जनसभा तय करने का निर्णय लिया है. मालेगांव और धुले क्षेत्र दोनों मुस्लिम बाहुल्य इलाके हैं और यही कारण है कि सपा यहां पर मुस्लिम नेताओं को टिकट देकर विधानसभा चुनाव के मैदान में उतरना चाहती है.
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उत्तर प्रदेश में उपचुनाव की तिथियाें की घोषणा होने के बाद अब कांग्रेस की ओर से सपा पर अघोषित सीटों को देने का दबाव बनाया जा रहा है. कांग्रेस की तरफ से प्रदेश अध्यक्ष अजय राय का इसकाे लेकर बयान आया है. जिसमें उन्होंने कहा है कि पहले तो हम पांच सीटों पर लड़ना चाहते थे, लेकिन सपा ने अपने छह प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है. फिर भी सपा की ओर से शेष बची हुई सीटों को कांग्रेस को देने पर विचार करना चाहिए. आखिर में गठबंधन धर्म को देखते हुए कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व जो निर्णय करेगा, उसे माना जाएगा. कांग्रेस पार्टी पूरी तरह से उपचुनाव लड़ने के मूड में है.