लखनऊ; सपा का जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा. प्रदेश की 90 विधानसभा सीटों में से 20 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे. इसमें से अधिकांश सीटें मुस्लिम बाहुल्य थीं. सपा के सभी 20 प्रत्याशियों की जमानत तक जब्त हो गई. सिर्फ एक ही प्रत्याशी 1 हजार वोटों के आंकड़े को पार कर सका.
समाजवादी पार्टी ने इसके पूर्व 2008 में जम्मू कश्मीर की 36 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ा था और उसे केवल 0.61% वोट मिले थे. वहीं, 2014 में सपा ने सिर्फ 7 सीटों पर चुनाव लड़ा और उसका वोट शेयर गिरकर 0.10% रह गया. इस बार, अखिलेश यादव ने चुनाव के लिए ‘जम्मू कश्मीर की अवाम से ‘समाजवादी पार्टी के वादे’ शीर्षक से वादा पत्र जारी किया था, जिसमें अग्निवीर और राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे 16 मुद्दे शामिल थे.
बता दें कि चुनाव में सपा को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा न मिलने के कारण उसे ‘लैपटॉप’ चुनाव चिह्न मिला था. इसी सिंबल पर सपा ने जम्मू क्षेत्र में 5 और कश्मीर क्षेत्र में 15 प्रत्याशियों को मैदान में उतारा था. हालांकि, सभी सीटों पर सपा प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई. सिर्फ बांदीपोरा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे सपा प्रत्याशी ही 1,695 वोट पाने में सफल रहा. जबकि अन्य सीटों पर तो सपा प्रत्याशियों की हालत बहुत ही खराब रही. ईदगाह, हब्बाकदल, और नागरोटा जैसी सीटों पर सपा को 100 से 144 वोट तक ही मिल सके.
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जम्मू-कश्मीर में सपा को मिले सिर्फ 8,198 वोट
20 सीटों पर चुनाव लड़े सपा के सभी प्रत्याशी सिर्फ 8,198 वोट ही पा सके. जो कुल पड़े वोटों का 0.14% है. जबकि इससे ज्यादा तो प्रदेश में नोटा को वोट मिले. जम्मू कश्मीर में 1.44% वोटरों ने नोटा दबाया.