उत्तर प्रदेश- एक बड़ी खबर उत्तर प्रदेश के आगरा से सामने आई है. जहां पर एक सहायक अध्यापिका की डिजिटल अरेस्ट की वजह से मौत हो गई. उस अध्यापिका को फोन के जरिए इस तरह प्रताड़ित किया गया कि उसे हार्ट अटैक आ गया और उसकी मौत हो गई. ये घटना बीते बुधवार की शाम को हुई जब अध्यापिका किसी काम से बाहर गई हुई थी.
बात दें, सहायक अध्यापिका के पास शाम को एक कॉल आता है, जिसमें उनसे कहा जाता है कि मैं एक पुलिस अधिकारी बात कर रहा हूं और आपकी बेटी सेक्स स्कैन्डल में पकड़ी गई है. अगर उसे बचाना चाहती हो तो 15 मिनट में 1 लाख रुपये मेरे खाते में ट्रांसफर कर दो. ये सिलसिला 4 घंटों तक यूंही चलता रहा और वो झूठा पुलिस अधिकारी बन सहायक अध्यापिका को यूंही डराता रहा. इस डिजिटल अरेस्ट की कहानी के चलते पीछे से आवाज भी आ रही थी कि “माँ प्लीज मुझे बचा लो, मैं खतरे में हूं”. वहीं अपनी बेटी की आवाज सुनकर माँ सहायक अध्यापिका परेशान हो गई और जब घर आई तो उसकी हालत और बिगड़ गई, जिसके बाद हार्ट अटैक से उसकी मृत्यु हो गई.
दरअसल, साइबर अपराधी अध्यापिका को वॉयस कॉल और विडियो कॉल करते हैं. इतना ही नहीं व्हाट्सएप पर फर्जी पुलिस अधिकारी की डीपी भी लगा रखी होती है और कॉल फर्जी आइडी के नंबर पर लिए गए सिम से कि जाती है. कई बार इंटरनेट कॉलिंग भी की जाती है जिससे लोकेशन का पता न चले और पुलिस उन तक न पहुंच सके. वहीं, पुलिस का कहना है ज्यादातर साइबर अपराधी ये घटनायें सेवानिवृत्त अफसर, कर्मचारी, वरिष्ठ नागरिक, व्यापारियों के साथ ही करते हैं. इस लिए आप सभी लोगों से अनुरोध है कि अनजान नंबर से आई वॉयस और वीडियो कॉल को रीसीव न करें, और यदि कोई भी आपको धमकाता है, तो तुरंत पुलिस को बताएं और इतना ही नहीं पुलिस कभी भी किसी को फोन कॉल करके या डरा-धमका कर डिजिटल अरेस्ट नहीं करती है.
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