लखनऊ: उत्तर प्रदेश के CM योगी आदित्यनाथ ने राज्य को ‘गरीबी मुक्त’ बनाने का ऐतिहासिक संकल्प लिया है. गांधी जयंती के अवसर पर इसकी आधिकारिक घोषणा करते हुए CM योगी ने इस महाअभियान का खाका प्रस्तुत किया. इस योजना का उद्देश्य एक वर्ष के भीतर उत्तर प्रदेश को देश का पहला ‘जीरो पावर्टी स्टेट’ यानी ‘गरीबी मुक्त राज्य’ बनाना है. CM योगी के इस महत्त्वाकांक्षी कार्यक्रम में सबसे गरीब परिवारों को प्राथमिकता दी जाएगी और उन्हें सरकारी योजनाओं के अंतर्गत आर्थिक सहायता और सुविधाएं दी जाएंगी.
इसके तहत प्रत्येक ग्राम पंचायत से 25 निर्धनतम परिवारों को चुनकर एक वर्ष में गरीबी से बाहर निकालने का लक्ष्य रखा गया है. इस अभियान के तहत गरीब परिवारों को भोजन, वस्त्र, शिक्षा, चिकित्सा, आवास और स्थिर आय की सुविधाएं प्रदान की जाएंगी. 17 सरकारी योजनाओं के लाभ के साथ इस महाअभियान को मिशन मोड में संचालित किया जाएगा, जिससे उत्तर प्रदेश ‘जीरो पावर्टी स्टेट’ बन सके.
मिशन ‘जीरो पावर्टी’ का कैसे होगा क्रियान्वयन?
इस महाभियान के तहत राज्य की प्रत्येक ग्राम पंचायत से 25 सबसे निर्धन परिवारों को चयनित किया जाएगा. इन परिवारों की पहचान के लिए त्रिस्तरीय और पारदर्शी प्रक्रिया अपनाई जाएगी. चयन प्रक्रिया में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई भी योग्य परिवार छूट न जाए. अभियान के अंतर्गत चयनित परिवारों को भोजन, वस्त्र, शिक्षा, चिकित्सा, आवास और रोजगार के साधनों से जोड़ा जाएगा.
CM योगी ने इस महाभियान को ‘मिशन मोड’ में लागू करने की बात कही है, जिसमें प्रत्येक परिवार को केंद्र और राज्य सरकार की 17 प्रमुख योजनाओं का लाभ दिलाया जाएगा. इसमें राशन कार्ड से लेकर आयुष्मान भारत, प्रधानमंत्री आवास योजना, स्किल डेवलपमेंट इनीशिएटिव जैसी योजनाएं शामिल होंगी.
ग्राम पंचायत स्तर पर समिति गठित
निर्धन परिवारों की पहचान और उन्हें सहायता देने के लिए हर ग्राम पंचायत में एक पांच सदस्यीय समिति का गठन किया जाएगा. इसमें ग्राम प्रधान, पूर्व ग्राम प्रधान, विद्यालय के हेडमास्टर, और सबसे पुराने दो स्वयं सहायता समूहों के अध्यक्ष शामिल होंगे. चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता और जवाबदेही बनाए रखने के लिए चयनित परिवारों का डाटा एक विशेष मोबाइल एप और जीरो पावर्टी पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा.
आय के साधनों से जोड़ने पर जोर
इस योजना के अंतर्गत सिर्फ वित्तीय सहायता ही नहीं बल्कि उन परिवारों को आय के स्थाई साधनों से भी जोड़ा जाएगा. इसके लिए क्षेत्रीय स्तर पर विशेषज्ञों और शैक्षणिक संस्थानों की मदद से कस्टमाइज्ड प्लान तैयार किए जाएंगे. छात्रों और विशेषज्ञों द्वारा इन परिवारों के साथ विचार-विमर्श कर उनकी आजीविका के लिए विशेष परियोजनाएं तैयार की जाएंगी. इस प्रकार चयनित परिवारों को गरीबी से उबारने के लिए विस्तृत आर्थिक परियोजनाएं क्रियान्वित की जाएंगी.
विभिन्न विभागों का होगा समन्वय
मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में एक विशेष कार्ययोजना तैयार की गई है, जिसमें प्रत्येक विभाग की जिम्मेदारी तय की गई है. जिलाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे इस योजना को समयबद्ध तरीके से लागू करें. मुख्य विकास अधिकारी (CDO) इस योजना के नोडल अधिकारी होंगे और उनकी जिम्मेदारी होगी कि यह अभियान सही ढंग से लागू हो. राज्य स्तर पर प्रोजेक्ट कंसर्न इंटरनेशनल इंडिया की विशेषज्ञ टीम इस अभियान की मॉनिटरिंग करेगी.
परिवारों को मिलेगा फैमिली आईडी
‘गरीबी मुक्त’ महाभियान के तहत चयनित परिवारों को फैमिली आईडी भी आवंटित की जाएगी. इससे यह सुनिश्चित होगा कि सभी योजनाओं का लाभ सही परिवारों तक पहुंचे. साथ ही उन परिवारों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना और अन्य कल्याणकारी योजनाओं से भी जोड़ा जाएगा, जिनके पास अभी तक राशन कार्ड या फैमिली आईडी नहीं है.
कौशल विकास से मिलेगा रोजगार
कौशल विकास और रोजगार सृजन इस महाभियान का एक प्रमुख हिस्सा है. राज्य सरकार द्वारा चयनित गरीब परिवारों को कौशल विकास योजनाओं से जोड़कर रोजगार के अवसर प्रदान किए जाएंगे. अप्रेंटिसशिप ट्रेनिंग स्कीम और अन्य सरकारी योजनाओं के तहत गरीब परिवारों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाया जाएगा. इसके अतिरिक्त, सीएसआर (कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी) और गैर-सरकारी संस्थाओं द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ भी इन परिवारों को मिलेगा.
‘गरीबी हटाओ’ के नए युग की शुरुआत
यह महाभियान उत्तर प्रदेश को गरीबी से मुक्त कर एक नए युग की शुरुआत करने की दिशा में बड़ा कदम है. इस प्रकार की पहल करने वाला उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य बन जाएगा. CM योगी आदित्यनाथ का यह संकल्प न केवल गरीब परिवारों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाएगा बल्कि सामाजिक समानता और न्याय की दिशा में भी एक बड़ा बदलाव लाएगा.
गांधी जयंती की मौके पर CM योगी ने कहा कि यह महाअभियान महात्मा गांधी के सपनों का भारत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जहां गरीबी और असमानता का कोई स्थान नहीं होगा. उत्तर प्रदेश सरकार का यह कदम राज्य के विकास को एक नई ऊंचाई तक ले जाने के लिए निर्णायक साबित होगा.