लखनऊ; योगी सरकार ने बड़ा निर्णय लेते हुए प्रदेश के 39 हजार सरकारी कर्मचारियों की सैलरी रोकने का आदेश दिया है. सरकार ने यह आदेश अपनी संपत्ति का ब्योरा न देने वाले कर्मचारियों को लेकर दिया है. शासन द्वारा जारी निर्देश के अनुसार, 30 सितंबर तक सभी सरकारी कर्मचारियों को अपनी चल-अचल संपत्ति का विवरण मानव संपदा पोर्टल पर अपलोड करना था.
पहले सरकार ने 31 अगस्त 2024 तक सभी कर्मचारियों को अपनी संपत्ति का ब्योरा देने की समय-सीमा निर्धारित की थी. हालांकि, बाद में यह अवधि बढ़ाकर 30 सितंबर 2024, कर दी गई थी. लेकिन फिर भी प्रदेश के 8,27,583 कर्मचारियों में से सिर्फ 7 लाख 88 हजार 506 कर्मचारियों ने अपनी संपत्ति का ब्योरा दिया. जबकि 39,077 राज्यकर्मियों ने अभी तक अपनी प्रॉपर्टी का विवरण जमा नहीं किया है. जिसके बाद यूपी सरकार ने इन कर्मचारियों की सैलरी रोकने के आदेश जारी किए हैं.
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, यूपी पुलिस के 99.65 प्रतिशत कर्मचारियों में से कृषि विभाग के 99 प्रतिशत कर्मचारियों ने, चिकित्सा शिक्षा, पंचायतीराज विभाग, आयुष विभाग के 95 प्रतिशत कर्मचारियों ने अपनी संपत्ति की डिटेल जमाकर दी है.
यूपी में कुल 8,46,640 सरकारी कर्मचारी
प्रदेश में कुल 8,46,640 सरकारी कर्मचारी है. जिसमें से 7 लाख 88 हजार 506 कर्मचारियों ने अपनी संपत्ति का विवरण दे दिया है. जिन विभाग के कर्मचारियों से प्रॉपर्टी की डिटेल मांगी गई थी, उसमें बेसिक शिक्षा विभाग, चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग, महिला कल्याण विभाग, ऊर्जा विभाग, खेल एवं युवा कल्याण विभाग, कृषि विभाग, राजस्व विभाग, टेक्सटाइल विभाग, औद्योगिक आदि विभागों के कर्मचारी शामिल थे.
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मायावती सरकार ने भी जारी किया था आदेश
उल्लेखनीय है कि योगी सरकार से पहले 2010 में…सूबे में जब मायावती की सरकार थी, तब भी ऐसे आदेश दिए गए थे. लेकिन उस दौरान सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों ने आदेश का उल्लंघन किया था. हालांकि, अब योगी सरकार ने पोर्टल पर संपत्ति का विवरण देना अनिवार्य कर दिया है.