लखनऊ; यूपी में 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है. इस उपचुनाव को कांग्रेस पार्टी बहुत गंभीरता से ले रही है. जिसे देखते हुए सपा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. दरअसल, यूपी में सपा सबसे बड़ा विपक्षी दल है. इस लिहाज से उपचुनाव वाली 10 सीटों पर सपा की सीट शेयरिंग की अधिक होना चाहिए. लेकिन कांग्रेस पार्टी ने सपा के सामने 5 सीटों की डिमांड रखी है. शायद कांग्रेस की इस मांग को पूरी करना सपा के लिए मुश्किल हो सकता है.
कांग्रेस की योजना है जिन 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हैं, वहां संगठन को मजबूत करने के साथ-साथ प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक बड़ी रैली का आयोजन किया जाए. इसको देखते हुए सभी विधानसभा सीटों पर प्रभारी, पर्यवेक्षक के साथ-साथ मीडिया को-ऑर्डिनेटरों की नियुक्ति कर दी गई है. सूत्रों का कहना है कि यूपी विधानसभा उपचुनाव को लेकर यूपी कांग्रेस कमेटी की कोर टीम की बैठक हुई थी, जिसमें सभी उपचुनाव वाले विधानसभा क्षेत्रों में कार्यक्रमों में तेजी लाने के निर्देश दिए गए थे.
लोकसभा चुनाव में सपा-कांग्रेस गठबंधन को मिली थी कामयाबी
लोकसभा चुनाव में सपा-कांग्रेस गठबंधन को यूपी में बड़ी कामयाबी मिली थी. दोनों दलों ने प्रदेश की 43 विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज की थी. इस जीत के बाद उत्साहित सपा-कांग्रेस ने यूपी में आने वाले विधानसभा उपचुनाव के साथ-साथ 2027 का विधानसभा चुनाव साथ लड़ने की बात कही थी. हालांकि, इसी बीच सपा ने कांग्रेस के सामने हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में कुछ सीटें देने की मांग की थी. लेकिन, हरियाणा में सपा-कांग्रेस के गठबंधन पर बात नहीं बनी. अभी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान नहीं हुआ है.
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कांग्रेस ने सपा के सामने रखी 5 सीटों की डिमांड
हाल ही में यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने मीडिया से बात करते हुए बताया था कि उनकी पार्टी 5 सीटों पर उपचुनाव लड़ना चाहती है. राय ने कहा था कि जिन 5 सीटों पर भाजपा के प्रत्याशी 2022 में जीते थे, वहां पर कांग्रेस अपने प्रत्याशियों को उतारना चाहती है. सूत्र कहते हैं कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव के लिए कांग्रेस को उपचुनाव में 5 सीटें देना मुश्किल हो सकता है. हरियाणा में सपा और कांग्रेस के बीच गठबंधन पर पहले ही बात नहीं बन पाई है, अब ऐसे में भीतरकाने से चर्चा है कि यूपी में भी 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में सपा और कांग्रेस की राहें जुदा हो सकती हैं.