मैडम भीकाजी कामा का जन्म 24 सितंबर, 1861 को बॉम्बे (अब मुंबई) में हुआ था. संपन्न परिवार में जन्म लेने के चलते उनके घर में राजनीति शख्सियतों का आना-जाना लगा रहता था. ऐसे में उनका भी रुझान सामाजिक और राजनीतिक गतिविधियों में बढ़ता चला गया. 1861 के समय जब देश तमाम विषमताओं से गुजर रहा था, तब उन्होंने महिलाओं के अधिकारों की आवाज उठाई, और फिर यहीं से वह भारत के स्वाधीनता संग्राम में कूद पड़ीं. उन्होंने अपने जीवन काल का एक लंबा समय विदेश में बिताए. इसी दौरान उन्होंने 22 अगस्त, 1907 को जर्मनी के स्टटगार्ट में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय समाजवादी कांग्रेस सम्मेलन में पहली बार भारतीय ध्वज तिरंगा को पहराया. तब वह ध्वज हरा, केसरिया, और लाल रंग की धारियों को मिलाकर बना था. जिस पर ‘वंदे मातरम’ भी लिखा हुआ था.