आंध्र प्रदेश स्थित तिरुपति बालाजी मंदिर में भक्तों के बीच बांटे जाने वाले लड्डू प्रसाद को लेकर विवाद छिड़ गया है. दरअसल, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और टीडीपी के प्रवक्ता ने बड़ा आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि तिरुपति मंदिर में जो लड्डू प्रसाद बांटा जा रहा था, उसमें पशुओं की चर्बी का प्रयोग किया गया. टीडीपी के इस दावे के बाद आंध्र प्रदेश की राजनीति में सियासी भूचाल आ गया है. एक रिपोर्ट के माध्यम से दावा किया जा रहा है कि जिस घी से लड्डू बनाए जा रहे थे, उनमें बीफ व सुअर की चर्बी और मछली का तेल मिला हुआ है.
सीएम चंद्रबाबू नायडू ने किया दावा
आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू ने बीते बुधवार को कहा था कि पूर्व की वाईएसआर कांग्रेस सरकार के दौरान तिरुपति मंदिर में मिलने वाले लड्डू प्रसाद में जानवरों की चर्बी का प्रयोग किया गया. यह चर्बी लड्डू बनाने वाले घी में पाई गई है. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार बनने के बाद 9 जुलाई को तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) ने जांच के लिए घी के सैंपल गुजरात स्थित पशुधन लैब NDDB CALF Ltd. भेजे थे. 16 जुलाई को लैब की रिपोर्ट आई थी. जिसमें घी में जानवरों की चर्बी और मछली के तेल की मिलावट पाई गई है.
टीडीपी प्रवक्ता ने पूर्व की YSR कांग्रेस पर बोला हमला
टीडीपी के प्रवक्ता अनम वेंकट रमना रेड्डी ने समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा कि सीएम चंद्रबाबू नायडू ने पहले ही कहा है कि लड्डू प्रसाद बनाने वाले घी में पशु वसा और मछली के तेल का प्रयोग किया गया. इस घी की आपूर्ति तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम को की गई थी. जिसके बाद घी के नमूने को जांच के लिए गुजरात की राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड भेजा गया था. रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि हुई है कि जिस घी से लड्डू बनाए जा रहे थे, उसमें गोमांस की चर्बी, लार्ड (सु्अर की चर्बी) और मछली के तेल का उपयोग किया गया था.
टीडीपी के प्रवक्ता ने कहा कि यह हिंदू धर्म का अपमान है. उन्होंने कहा कि भगवान तिरुपति को दिन में 3 बार इसी घी से बने लड्डूओं का भोग लगाया जाता था. रमना रेड्डी ने कहा कि हमें आशा है कि न्याय होगा और जो भी गलतियां हुई हैं, उसके लिए भगवान गोविंद माफ कर देंगे.
Lab report of samples sent from Tirumala Tirupati Devasthanam that were sent to National Dairy Development Board in Gujarat for testing.
TDP spokesperson Anam Venkata Ramana Reddy says, “…The lab reports of samples certify that beef tallow and animal fat – lard, and fish oil… https://t.co/jwHKaS3erw pic.twitter.com/9eZasbkewh
— ANI (@ANI) September 19, 2024
घी के स्टॉक को किया गया वापस
तिरुपति मंदिर की देखरेख करने वाली संस्था तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम ने शेष घी के स्टॉक को वापस कर दिया है. इस घी के आपूर्ति की जिम्मेदारी पूर्ववर्ती वाईएसआर कांग्रेस सरकार के समय तमिलनाडु के डिंडीगुल स्थित एआर डेयरी फूड्स को दी गई थी. साथ ही टीटीडी ने संबंधित ठेकेदार को भी ब्लैकलिस्ट कर दिया है. अब घी के आपूर्ति की जिम्मेदारी कर्नाटक मिल्क फेडरेशन को दी गई है.
प्रतिदिन बनते हैं 3 लाख लड्डू
बता दें कि तिरुपति मंदिर में प्रतिदिन 3 लाख लड्डू बनते हैं. हैरान करने वाली बात यह है कि इन लड्डूओं से भगवान वेंकटेश्वर को भी 3 पहर भोग लगाया जाता है. फिर यह लड्डू प्रसाद के रूप में श्रद्धालुओं के बीच भी बांटे जाते हैं.
प्रसादम की गुणवत्ता जांच के लिए बनी समिति
तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम ने मंदिर में बंटने वाले प्रसादम् की गुणवत्ता को परखने के लिए एक कमेटी का गठन किया है. इस कमेटी में डॉ बी सुरेंद्रनाथ (पूर्व प्रधान वैज्ञानिक राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान, विजयवाड़ा), डेयरी विशेषज्ञ भास्कर रेड्डी, आईआईएम-बैंगलोर के प्रोफेसर बी महादेवन, तेलंगाना पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय की डॉक्टर जी स्वर्णलता को शामिल किया गया है.
IAS जे श्यामला राव को मिली थी टीटीडी की जिम्मेदारी
जून में आंध्र प्रदेश में टीडीपी की सरकार बनने के बाद, सीएम चंद्रबाबू नायडू ने वरिष्ठ आईएएस अधिकारी जे श्यामला राव को तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम के कार्यकारी अधिकारी की जिम्मेदारी सौंपी थी. जिसके बाद उन्होंने कई सुधार किए. इसी क्रम में उन्होंने तिरुपति मंदिर में बंटने वाले प्रसाद के स्वाद और गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए घी की जांच करने के लिए सैंपल को गुजरात भेजा था.