नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अपने पूर्व के आदेश के खिलाफ दायर पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई टाल दी है। जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली बेंच ने अब इस मामले की सुनवाई 3 अक्टूबर को करने का आदेश दिया है। ED की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुनवाई को स्थगित करने की मांग की, जिसका याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने विरोध किया।
सुप्रीम कोर्ट ने 27 जुलाई 2022 को अपने फैसले में ED की शक्ति और गिरफ्तारी के अधिकार को बहाल रखने का आदेश दिया था। जस्टिस एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली बेंच ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत ED को मिले विशेषधिकारों को बरकरार रखा था। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में ED को संपत्ति जब्त करने, छापा डालने, गिरफ्तारी करने और पूछताछ के लिए समन जारी करने के अधिकारों को वैध ठहराया था। साथ ही कहा था कि मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट में किए गए संशोधन को वित्त विधेयक की तरह पारित करने के खिलाफ मामले पर बड़ी बेंच फैसला करेगी। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया था कि ईसीआईआर एफआईआर की तरह नहीं है और इसे आरोपी को उपलब्ध कराना अनिवार्य नहीं है।
इस मामले में पुनर्विचार याचिका दायर करने वालों में कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम भी शामिल हैं। कपिल सिब्बल ने पूर्व में कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के जुलाई 2022 के आदेश में कई त्रुटियां हैं, जिन पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता है। वहीं सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले में कोई त्रुटि नहीं है।
आज ED ने इसपर सुनवाई स्थगित करने की मांग की जिसके बाद अब सुप्रीम कोर्ट इसपर 3 अक्टूबर को सुनवाई करेगा।
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