नई दिल्ली; आज मंगलवार को मोदी 3.0 सरकार के कार्यकाल के 100 वर्ष पूरे हुए हैं. इस अवसर पर राष्ट्रीय मीडिया केंद्र में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मोदी सरकार के 100 दिनों के कार्यकाल का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया. अमित शाह ने कहा कि आज का दिन विशेष है. आज पीएम मोदी का 74वां जन्मदिन है और हमारी सरकार के 100 दिनों का कार्यकाल भी पूरा हो रहा है. पीएम मोदी को शुभकामनाएं देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि 10 वर्षों में दुनिया के 15 देशों में अपने देश के सर्वोच्च पुरस्कार से मोदी जी को सम्मानित किया है. यह पूरे देश के लिए गौरव की बात है.
अपनी सरकार की उपलब्धियों के बारे में जानकारी देते हुए गृहमंत्री शाह ने कहा कि विकास, राष्ट्रीय सुरक्षा और गरीबों कल्याण को लेकर 10 वर्षों से समर्पित हमारी सरकार को जनता ने तीसरी बार चुना है. उन्होंने कहा जनता का भरोसा भाजपा और हमारे सहयोगियों दलों पर है. उन्होंने कहा कि 60 वर्षों बाद देश में राजनीतिक स्थिरता का वातावरण बना है. यह माहौल अब 11वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है.
मोदी 3.0 सरकार के 100 दिनों की उपलब्धियां
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि हमारे सरकार के तीसरे कार्यकाल के 10 वर्ष पूरे हो रहे हैं. इन 100 दिनों में लगभग 15 लाख करोड़ की विकास परियोजनाएं प्रारंभ हुई हैं. जिसमें से 3 लाख करोड़ की परियोजनाएं घोषित भी हुई हैं. उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र के वधवान में 76 हजार करोड़ की लागत से मेगा पोर्ट बनेगा. यह पोर्ट विश्व के 10 प्रमुख बंदरगाहों में शामिल होगा.
कृषि के क्षेत्र में सरकार द्वारा किए गए कार्यों के बारे में जानकारी देते हुए अमित शाह ने कहा कि पीएम किसान सम्मान निधि योजना की 17वीं किस्त के 20 हजार करोड़ रुपये वितरित किए गए हैं. जिससे 9.5 करोड़ किसानों को फायदा हुआ है.उन्होंने आगे बताया कि अभी तक कुल 12 करोड़ 33 लाख किसानों को 3 लाख करोड़ रुपये वितरित किए गए हैं.
गांवों को पक्की सड़कों से जोड़ने को लेकर अमित शाह ने कहा कि 49 हजार करोड़ की लागत से 25 हजार गांवों को पक्की सड़कों से जोड़ने की योजना शुरू की गई है. यह योजना 100 की आबादी वाले गांवों को भी जोड़ेगी. 50,600 करोड़ की लागत से भारत की बड़ी सड़कों को बढ़ाने का निर्णय भी मोदी सरकार ने लिया है.
इस दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने स्थानीय भाषाओं पर जोर देते हुए कहा कि कोई भी देश अपनी स्थानीय भाषाओं को समाप्त करके विकास नहीं कर सकता. स्थानीय भाषाओं के साथ हमारी संस्कृति, हमारा इतिहास और हमारी परंपराएं जुड़ी हैं. उन्होंने कहा कि राजभाषा का जहां तक सवाल है, मैंने स्पष्ट किया है कि हिन्दी का किसी भी स्थानीय भाषा से कोई स्पर्धा नहीं है. राजभाषा विभाग ही एक ऐसा पोर्टल लेकर आएगा जिससे कुछ सेंकें में भी सभी लेखों का संविधान की आठवीं सूची की सभी भाषाओं में भाषांतर कर देगा.