लखनऊ; यूपी में पिछले कुछ दिनों से जारी भीषण बारिश के चलते 20 जिले बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. गंगा, यमुना, शारदा, घाघरा जैसी प्रदेश की प्रमुख नदियां खतरे के निशाना से ऊपर बह रही हैं. प्रशासन के अनुसार, इन 20 जिलों के 486 गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर चुका है. जिसके चलते लोगों का जनजीवन बेहाल है. बाढ़ से सबसे अधिक समस्या नदी किनारे बसे गांवों को लोगों को हो रही है.
जिन जिलों में बाढ़ का कहर देखा जा रहा है उनमें नेपाल की सीमा से सटे लखीमपुर खीरी, बहराइच, पीलीभीत, बस्ती, गोंडा, सीतापुर के साथ-साथ बाराबंकी, अयोध्या, जालौन, हमीरपुर, बांदा, गौतम बुद्धनगर, बदायूं, वाराणसी, प्रयागराज, बलिया, बांदा, देवरिया, फर्रुखाबाद आदि जिलों में बाढ़ का कहर विशेष रूप से देखा जा रहा है.
वाराणसी में बदला गंगा आरती का स्थान
वाराणसी में बाढ़ का कहर देखा जा रहा है. यहां गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. जिसके चलते लगभग सभी 84 घाटों की अंतिम सीढ़ी तक पानी भर चुका है. दशाश्वमेध घाट पर पानी भरा होने के चलते यहां होने वाली प्रसिद्ध गंगा आरती के स्थान में परिवर्तन किया गया है. साथ ही हरिश्चंद्र और मणिकर्णिका घाट पर पानी भरा होने के चलते शवों के अंतिम संस्कार करने में परिजनों को परेशानी हो रही है. जिसके चलते शव दाह गली व छतों पर किया जा रहा है.
मेरठ में तीन मंजिला मकान ढहा, 10 की मौत
लगातार बारिश के चलते शनिवार शाम को मेरठ के जाकिर कॉलोनी स्थित एक तीन मंजिला मकान ढह गया. इस घर में रहने वाले 10 लोगों की मौत हो गई. वहीं, गोंडा में एक महिला की नदी में डूबकर जान चली गई.
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लखीमपुर खीरी में नाव से पर शव रखकर श्मशान घाट पहुंचे परिजन
नेपाल में पहाड़ों पर लगातार बारिश के चलते लखीमपुर खीरी जिले के कई गांव बाढ़ की चपेट में हैं. यहां फूलबेहड़ इलाके में बाढ़ के चलते बेबसी की तस्वीर दिखी. दरअसल, बसहा गांव निवासी राम स्वरूप का निधन हो गया था, परिजनों को उनके शव का अंतिम संस्कार करने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ा. परिजन शव को नाव पर रखकर 4 किलो मीटर दूर तटबंध पहुंचे जहां शव दाह किया गया.