गोरखपुर: एक कार्यक्रम में सीएम योगी ने काशी की ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी को आज लोग दूसरे शब्दों में मस्जिद कहते हैं, लेकिन ज्ञानवापी साक्षात ‘विश्वनाथ’ही हैं. इस दौरान सीएम योगी ने काशी विश्ननाथ और आचार्य शंकर एक पौराणिक प्रसंग का भी उल्लेख किया.
सीएम योगी ने पौराणिक प्रसंग का उल्लेख करते हुए कहा कि आचार्य शंकर जब अपने अद्वैत ज्ञान को परिपूर्ण कर, आगे की साधना करने काशी आए. तब काशी में साक्षात भगवान विश्वनाथ ने उनकी परीक्षा लेनी चाही. एक दिन आचार्य शंकर जब ब्रह्ममुहूर्त में स्नान करने जा रहे थे, तभी उनके सामने एक अछूत और सामान्य दिखने वाली महिला आ जाती है. आचार्य शंकर उसे कहते हैं कि सामने से हटो. तभी वहां पर एक चांडाल खड़ा होता है. जो आदि शंकर से कहता है कि आचार्य जी आप तो अपने आप को अद्वैत ज्ञान का मर्मज्ञ मानते हैं. आप किसे हटाना चाह रहे हैं.
ज्ञानवापी को आज लोग दूसरे शब्दों में मस्जिद कहते हैं,
लेकिन ज्ञानवापी साक्षात ‘विश्वनाथ’ ही हैं… pic.twitter.com/njo9Fk03Xe
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) September 14, 2024
चांडाल आदि शंकर से कहता है कि आप इस काया को देख रहे हैं या इस काया में बसे ब्रह्म को. चांडाल आगे कहता है कि अगर ब्रह्म सत्य है तो जो ब्रह्म आपके अंदर है वही मेरे और इस महिला के अंदर है. इस ब्रह्म सत्य को जानने के बाद भी आप इसे हटाने के लिए कह रहे हैं. आप इस ब्रह्म को ठुकरा रहे हैं. इसका तात्पर्य यह है कि आपका यह ज्ञान सत्य नहीं है.
चांडाल की यह बातें सुनकर आचार्य शंकर अचंभित रह जाते हैं. आचार्य शंकर समझ जाते हैं वह कोई सामान्य व्यक्ति नहीं हो सकता. वह चांडाल से पूछते हैं कि आप कौन हैं. तभी चांडाल कहता है कि आप जिस ज्ञानवापी की साधना करने आए हैं, मैं इसका साक्षात स्वरूप विश्वनाथ हूं.इसी दौरान प्रसंग सुनाते हुए सीएम योगी कहते हैं कि दुर्भाग्य से आज जिसे लोग ज्ञानवापी मस्जिद कहते हैं, वास्तव में वह ज्ञानवापी साक्षात विश्वनाथ ही हैं.
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सीएम योगी ने आगे कहा कि जब आचार्य शंकर काशी विश्वनाथ की बात सुनते हैं, तो वह उनके चरणों में नतमस्तक हो जाते हैं. इस दौरान सीएम योगी ने कहा कि यह जो भौतिक अस्पृश्यता है यह ना सिर्फ साधना के लिए बाधा है. बल्कि राष्ट्रीय एकता और अखंडता के लिए भी सबसे बड़ी बाधा है. अगर इस बाधा को हमारे समाज ने समझा होता को हमारा देश कभी गुलाम नहीं होता.