मंडी: हिमाचल प्रदेश के शिमला में संजौली स्थित मस्जिद के अवैध निर्माण को लेकर मामला गर्म ही है, वहीं अब मंडी में PWD की जमीन पर अवैध रूप से बनाई गई दो मंजिला मस्जिद को लेकर नगर निगम कमिश्नर की कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। नगर निगम कमिश्नर एचएस राणा की कोर्ट ने मस्जिद के अवैध हिस्से को 30 दिनों के अंदर गिराने का आदेश दिया है।
इससे पहले मंडी प्रशासन ने मस्जिद को सील करने की योजना बनाई थी, लेकिन प्रदर्शनकारियों के विरोध के चलते मस्जिद कमेटी ने खुद ही अवैध हिस्से को तोड़ना शुरू कर दिया था।
हिमाचल प्रदेश के मंडी में अवैध मस्जिद के मामले पर विवाद गहराता जा रहा है। इससे पहले शिमला में मस्जिद विवाद का समाधान नहीं हुआ था कि अब मंडी में हिन्दू संगठनों द्वारा विरोध प्रदर्शन की शुरुआत हो गई है। इस प्रदर्शन में हजारों लोग हिस्सा ले रहे हैं।#HimachalPradesh #Mandi #Masjid pic.twitter.com/S9GyG0PT14
— Panchayati Times (@panchayati_pt) September 13, 2024
कमिश्नर एचएस राणा ने बताया कि तीन महीने की सुनवाई के बाद यह पाया गया कि मस्जिद का निर्माण बिना अनुमति और नक्शे के किया गया था। कोर्ट के आदेश के मुताबिक, मस्जिद को उसके पुराने स्वरूप में लाना होगा। यदि मस्जिद कमेटी ने स्वयं अवैध निर्माण नहीं गिराया, तो नगर निगम खुद इसे ध्वस्त करेगा।
आज मंडी शहर में जमीन पर अवैध कब्जा कर बनाई गई मस्जिद को ढहाने की मांग को लेकर हिंदू संगठनों से जुड़े लोगों ने जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने मंडी बाजार इलाके में मार्च निकाला और बाद में सेरी मंच पर धरने पर बैठ गए।
स्थिति को काबू में करने के लिए पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर वाटर केनन का इस्तेमाल किया। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि अवैध मस्जिद को हटाने में प्रशासन देरी कर रहा है। इस बीच, नगर निगम कमिश्नर की कोर्ट ने मस्जिद के अवैध हिस्से को 30 दिनों में हटाने का आदेश दे दिया है।
मस्जिद की दो मंजिलें बिना अनुमति के बनाई गई
बता दें मंडी शहर के जेल रोड पर स्थित यह मस्जिद लगभग 30 साल पुरानी है। आरोप है कि इस मस्जिद की दो मंजिलें बिना अनुमति के बनाई गई हैं और इसके साथ ही एक दीवार बनाकर सरकारी PWD की जमीन पर अवैध कब्जा किया गया था। हालाँकि, मस्जिद कमेटी ने विवादित दीवार को खुद ही हटा दिया।
मुस्लिम महिला के नाम पर है मस्जिद की जमीन
मस्जिद को लगभग 30 साल पहले एक मंजिला मस्जिद के रूप में बनाया गया था। इसकी जमीन एक मुस्लिम महिला के नाम पर है। इस साल मार्च में मस्जिद पर दो अतिरिक्त मंजिलें बनाई गईं, जिसे लेकर जून 2024 से नगर निगम आयुक्त की कोर्ट में केस चल रहा है। नगर निगम ने जून में ही काम रोकने का नोटिस जारी किया था। जांच के दौरान पता चला कि कुछ जमीन PWD की है, जिस पर अवैध निर्माण हुआ है।
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