लखनऊ: सीएम योगी ने गुरुवार को मंत्रिमंडल के साथ बैठक करते हुए अहम निर्णय लिया है. उन्होंने प्रभारी मंत्रियों के जिलों में परिवर्तन किया है. साथ ही सीएम योगी व डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक भी 25-25 जिलों का प्रभार संभालेंगे. साथ ही मंत्रियों के प्रभार वाले जिलों में 4-4 माह पर परिवर्तित होता रहेगा.
सीएम योगी ने अपने मंत्रिमंडल के सभी सदस्यों से आपसी समन्वय और संगठन के साथ लेकर चलते का आग्रह किया है. आगामी 17 सितंबर को पीएम मोदी के जन्मदिन को देखते हुए सीएम योगी ने प्रभारी मंत्रियों से अपने-अपने जिलों में स्वच्छता सुनिश्चित करने को कहा है. उन्होंने अपने मंत्रियों से कहा कि अपने प्रभार वाले जिले में स्वच्छता को जन आंदोलन बनाने के लिए प्रयास करें. साथ ही प्रभारी मंत्री के रूप में अपने जिले में एक माह में कम से कम एक बार 24 घंटे का प्रवास जरूर करें.
जिले के सम्मानित लोगों के साथ करें बैठक- सीएम योगी
सीएम योगी ने प्रभारी मंत्रियों से कहा है कि माह में एक बार जिले के सम्मानित लोग जैसे कि प्रबुद्ध नागरिक, धर्माचार्यों, प्रगतिशील किसानों, व्यापारिक संगठनों सहित सामाजिक नेताओं के समूहों के साथ बैठक अवश्य करें.
साथ ही शासन से संबंधित मुद्दों को प्रभारी मंत्री कोर कमेटी से चर्चा करें. जिसके बाद हर माह की रिपोर्ट संबंधित विभाग और मुख्यमंत्री कार्यालय के समक्ष प्रस्तुत करें.
जनशिकायतों को मेरिट के आधार पर करें निस्तारित- सीएम योगी
सीएम योगी ने कहा कि जिले की समीक्षा बैठक में जनशिकायतों को मेरिट के आधार पर निस्तारित किया जाना चाहिए. कानून व सुरक्षा संबंधी विषयों, राजस्व विभाग से जुड़े हुए विषयों को जैसे वरासत, पैमाइश, नामांतरण, लैंड यूज सहित आईजीआरएस, सीएम हेल्पलाइन आदि की समीक्षा कर मेरिट के आधार पर निस्तारण कराया जाए. इसकी समीक्षा की विस्तृत रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय और संबंधित विभाग को अनिवार्य रूप से भेजी जानी चाहिए.
भौतिक निरीक्षण आवश्यक- सीएम योगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि निराश्रित गोवंश आश्रय स्थलों, ग्राम सचिवालय, क्रय केन्द्र, फेयर प्राइस शॉप, कृषि विज्ञान केन्द्र,अटल आवासीय विद्यालय, प्राथमिक विद्यालय, राजकीय विद्यालय, राजकीय महाविद्यालयों, निर्माणाधीन कस्तूरबा गांधी विश्वविद्यालयों/महाविद्यालयों, पॉलीटेक्निक/आईटीआई,प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, जिला चिकित्सालय, मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण एवं कार्यक्रमों की समीक्षा.
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साथ ही आयुष्मान कार्ड, दवाओं की उपलब्धता, चिकित्सालयों में चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टाफ की उपलब्धता. आंगनबाड़ी केंद्र, प्रधानमंत्री आवास योजना एवं मुख्यमंत्री आवास योजना, प्रधानमंत्री ग्राम्य सड़क योजना, ग्राम सचिवालयों, गांव में तैनात कार्मिकों की उपस्थिति आदि का लगातार निरीक्षण होता रहना चाहिए.
प्रभारी मंत्रियों के मिले नए जिले