रायबरेली: उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले में 7757 राशन कार्ड धारकों को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। ये वो लोग हैं जो इनकम टैक्स भरने के साथ ही प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) का लाभ लेकर गरीबों का हिस्सा मार रहे थे। खाद्य एवं रसद विभाग की जांच में यह खुलासा हुआ, जिसके बाद इन कार्डों पर राशन वितरण रोक दिया गया है। इन कार्डों के माध्यम से हर महीने करीब 1163 क्विंटल गेहूं और चावल कोटे की दुकानों से मुफ्त में लिया जा रहा था।
यह मामला सामने आने के बाद, जिला पूर्ति अधिकारी (DSO) विमल कुमार शुक्ला ने सभी आपूर्ति कार्यालयों को सूची भेजकर अपात्र राशन कार्डों को निरस्त करने और पात्र व्यक्तियों को योजना का लाभ देने के निर्देश दिए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में जांच में लापरवाही के चलते कई अपात्र लोग गरीबों का हक मार रहे थे।
आयकर दाता के नाम पर राशन कार्ड
सदर तहसील क्षेत्र की आरती के राशन कार्ड में नरेंद्र कुमार (आयकरदाता) शामिल थे, और चार यूनिट का राशन लिया जा रहा था। मामला पकड़ में आने के बाद कार्ड लॉक कर दिया गया। रामरती भी चार यूनिट का राशन ले रही थीं, जबकि उनके कार्ड में शामिल धर्मेंद्र आयकरदाता हैं। अन्य उदाहरणों में ननका, राजकुमारी, चंदावती, और संध्या के राशन कार्ड शामिल हैं, जिनमें आयकरदाता सदस्य पाए गए।
कैसे हुआ खुलासा ?
खाद्य एवं रसद विभाग के आयुक्त ने आधार सीडिंग के बाद आयकर, कृषि और अन्य विभागों से योजना का लाभ लेने वाले लाभार्थियों की सूची मांगी थी। जांच में कार्डधारकों और उनके परिवार के सदस्यों की जांच की गई, जिससे अपात्र लोगों की पहचान हो सकी।
कोरोना के दौरान शुरू हुई थी फ्री अन्न योजना
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना जून 2020 में कोरोना महामारी के दौरान प्रवासियों और जरूरतमंदों को मुफ्त राशन उपलब्ध कराने के लिए शुरू की गई थी। इसके तहत प्रत्येक राशन कार्ड सदस्य को पांच किलो गेहूं या चावल मुफ्त देने की व्यवस्था है।
जिला पूर्ति अधिकारी (DSO) विमल कुमार शुक्ला ने बताया कि आयुक्त कार्यालय से 7757 आयकरदाता राशनकार्डों की सूची प्राप्त हुई है, और इन पर राशन वितरण रोक लगा दी गई है। सत्यापन के बाद अपात्र कार्डों को निरस्त कर पात्रों को योजना का लाभ दिया जाएगा।
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