नई दिल्ली; पटियाला हाउस कोर्ट की एडिशनल सेशंस जज हरदीप कौर ने संसद सुरक्षा चूक के मामले में नीलम आजाद की जमानत याचिका खारिज कर दी है. कोर्ट ने 9 सितंबर को जमानत याचिका पर दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था.
सुनवाई के दौरान नीलम आजाद की ओर से पेश वकील ने कोर्ट से कहा था कि आरोपित को झूठे तरीके से फंसाया गया है.इस मामले में दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट और दो पूरक चार्जशीट दाखिल की हैं और कोर्ट ने उस पर संज्ञान ले लिया है.नीलम आजाद के वकील ने कहा था कि इस मामले के आरोपित मनोरंजन डी और सागर शर्मा संसद की वेल में कूदकर धुआं छोड़ा था और नीलम आजाद संसद के बाहर थी. नीलम आजाद के वकील ने कोर्ट में दलील दी कि संसद में छोड़ा गया धुआं नुकसान पहुंचाने वाला नहीं था.
सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि यह नीलम आजाद का गंभीर अपराध हैं, क्योंकि उसने देश की संप्रभुता और अखंडता को बाधा पहुंचाने का काम किया है. दिल्ली पुलिस ने कहा था कि नीलम आजाद के खिलाफ पुख्ता और प्रामाणिक साक्ष्य हैं, जो उसकी जमानत का हकदार नहीं बनाते हैं.
दिल्ली पुलिस ने 15 जुलाई को इस मामले में पूरक चार्जशीट दाखिल की थी. दिल्ली पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 186, 353, 153, 452, 201, 34, 120बी और यूएपीए की धारा 13, 16, 18 के तहत चार्जशीट दाखिल की थी. दिल्ली पुलिस ने 7 जून को पहली चार्जशीट दाखिल की थी. बाद में पुलिस ने मनोरंजन डी, ललित झा, अमोल शिंदे, महेश कुमावत, सागर शर्मा और नीलम आजाद के खिलाफ यूएपीए की धाराओं के तहत चार्जशीट दाखिल की है.
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दिल्ली पुलिस ने अपनी चार्जशीट में कहा है कि आरोपित संसद भवन को निशाना बनाकर लोकतंत्र को बदनाम करना चाहते थे. करीब एक हजार पेज की चार्जशीट में दिल्ली पुलिस ने कहा है कि आरोपित एक-दूसरे से सोशल मीडिया पर मिले थे. इन लोगों ने मैसूर, गुरुग्राम और दिल्ली में कुल 5 बैठकें की थीं. उनकी पहली मुलाकात फरवरी, 2022 में मैसूर में हुई थी. दिल्ली पुलिस के इस चार्जशीट पर कोर्ट ने 3 अगस्त को संज्ञान लिया था.
इनपुट- हिन्दुस्थान समाचार