लखनऊ: अवैध धर्मांतरण रैकेट मामले में लखनऊ की स्पेशल NIA-ATS कोर्ट ने बड़ा आदेश सुनाते हुए मौलाना कलीम सिद्दीकी, उमर गौतम सहित 16 आरोपियों को सजा सुनाई है। अवैध धर्मांतरण मामले में स्पेशल जज विवेकानंद शरण त्रिपाठी ने IPC की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी मौलाना उमर गौतम, मौलाना कलीम सिद्दीकी समेत 12 को उम्रकैद की सजा, वहीं चार दोषियों राहुल भोला उर्फ राहुल अहमद, मन्नू यादव उर्फ अब्दुल मन्नान, मोहम्मद सलीम, कुणाल अशोक चौधरी उर्फ आतिफ को 10-10 साल कैद की सज़ा सुनाई है।
इन्हें मंगलवार को कोर्ट ने अवैध धर्मांतरण समेत अन्य धाराओं में दोषी पाया था। उत्तर प्रदेश ATS की जांच में खुलासा हुआ कि मौलाना कलीम सिद्दीकी और उमर गौतम पूरे देश में एक संगठित धर्मांतरण रैकेट चला रहे थे।
सरकारी वकील ने कहा कि इस नेटवर्क का मकसद गरीब और असहाय लोगों को डराकर, बहला-फुसलाकर या दबाव डालकर उनका धर्म परिवर्तन कराना था। उमर गौतम पहले हिंदू था लेकिन उसने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के दौरान मुस्लिम धर्म स्वीकार कर लिया और धर्मांतरण कराने में सक्रिय हो गया। उसने करीब एक हजार गैर मुस्लिम लोगों की मुस्लिमों से शादी कराई और इस्लाम में धर्मांतरित कराया। यह सब दिल्ली के जामिया नगर में स्थित इस्लामिक दावाह सेंटर नामक संस्था के जरिये किया जा रहा था। जांच एजेंसियों ने बताया कि धर्मांतरण के लिए विदेशों से हवाला के माध्यम से फंडिंग की जाती थी। ATS ने इस रैकेट के तार बहरीन और अन्य खाड़ी देशों से जुड़े होने का दावा किया, जहां से करोड़ों रुपये का फंड देश में अवैध रूप से भेजा गया था।
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